रसोई पर बनने वाले पोषक आहार पर राष्ट्रीय कार्यशाला

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  • भारत रत्न नानाजी की 10वीं पुण्यतिथि पर चित्रकूट में होगी राष्ट्रीय कार्यशाला

  • 10 विश्वविद्यालयों एवं 10 सामाजिक संस्थाओं की रहेगी भागीदारी

चित्रकूट : बाजारीकरण के दौर में पोषक तत्व वाले अनाज के प्रति भ्रांति फैलाकर कृतिम पदार्थों से पोषक तत्व हासिल करने के प्रति निर्भरता तेजी से बढ़ाई जा रही है, भारतीय रसोई का सदैव से अपना अलग महत्व रहा है। हर व्यंजन की अपनी खासियत है, उसके बनाने की विधि में विविधता के साथ पोषक का संरक्षण भी होता रहा है।

इसके लिए दीनदयाल शोध संस्थान ने अब पोषक आहार पर बड़ी पहल की है। ग्रामीण क्षेत्र में उन्नत कृषि, जैविक खेती, दुधारू पशुपालन, गृह वाटिका जैसा पारंपरिक पोषक तत्वों की आवश्यक पूर्ति का रास्ता दिखाने के साथ अब शहरी क्षेत्र के लोगों को अपनी रसोई, अपना व्यंजन, अपना अनाज, अपना आहार के लिए प्रेरित करने का कार्य शुरू किया है।
भारत रत्न नानाजी देशमुख के निर्वाण के 10 वर्ष पूर्ण होने पर उनकी 10 वीं पुण्यतिथि पर पानी और पोषण जैसे जीवनदायक विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन दीनदयाल परिसर चित्रकूट में रखा गया है।

दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रऋषि नानाजी जब चित्रकूट आए थे तब क्षेत्र में पानी का बहुत बड़ा संकट था तो उन्होंने उस समय जल प्रबंधन के माध्यम से व पुरानी जल संरचनाओं को दुरस्त करके क्षेत्र के ही लोगों की पहल और पुरुषार्थ से पानी की समस्या से उबारने का काम किया था, साथ ही पोषण की दृष्टि से पशुपालन और गृह वाटिका पर खास फोकस रखा गया। हर घर में स्नान, बर्तन साफ करने और अन्य तरीके से होने वाले पानी के उपयोग को बहाने की उचित व्यवस्था की जाती है, उस पानी का सदुपयोग कर गांव में हरी सब्जी उगाने का काम कराया जाने लगा, यह न केवल शारीरिक बल्कि आर्थिक विषमता रोकने का बहुत बड़ा आधार बना।
श्री महाजन ने कहा कि नानाजी का जीवन और उनके कार्य हमेशा सबके लिए रहे हैं इसलिए उनकी 10 वीं पुण्यतिथि पर पानी और पोषण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन 26 एवं 27 फरवरी को रखा गया है, जिसमें 10 विश्वविद्यालयों और 10 सामाजिक संस्थाओं की भागीदारी रहेगी। इसके अलावा देशभर से प्रमुख विषय विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है।

नानाजी ने गांव के विकास में जनता की पहल और सहभागिता को ही अपना ध्येय माना, इसलिए पिछले 9 वर्षों से उनकी पुण्यतिथि का कार्यक्रम जन सहभागिता से ही संपन्न होता आ रहा है। नानाजी की पुण्यतिथि के अवसर पर प्रत्येक वर्ष ग्रामीण जनों को कृषि, पशु पालन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वरोजगार, विवाद मुक्त ग्राम और अन्य क्षेत्रों की विविध योजनाओं एवं प्रगति की जानकारी देने हेतु कार्यक्रम आयोजित होते आ रहे हैं। इसीलिए उनकी 10वीं पुण्यतिथि का कार्यक्रम भी जन सहभागिता से ही संपन्न होगा। 26 फरवरी को एक तरफ अखंड मानस पाठ प्रारंभ होगा वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ होगा और 27 फरवरी को विशाल भंडारा प्रसाद के साथ दीनदयाल परिसर चित्रकूट में श्रद्धांजलि का कार्यक्रम रहेगा।

दीनदयाल परिसर चित्रकूट में होने वाले इस आयोजन को लेकर सारी व्यवस्थाओं को मूर्त रूप देने के लिए कार्यालय का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चार एवं हवन पूजन के साथ संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन के द्वारा किया गया।

संदीप रिछारिया

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