योगी कैबिनेट बैठक में 18 नई नगर पंचायतों के गठन में राजातालाब को शामिल नहीं करने से लोगों में मायूसी
राजातालाब के लोग घोषणा के बाद भी नहीं बन पाए नगरवासी
राजाताला/वाराणसी: जनपद वाराणसी से 16 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग 19 पर बसे राजातालाब को टाउन एरिया बनाने की घोषणा 10 साल पहले पूर्ववर्ती सरकार ने किया था। तब यहां के जनप्रतिनीधियों और समाजसेवियों ने विशेष प्रयास कर इस प्रस्ताव को शासन के समक्ष भेजा था। शासन के निर्देश पर राजातालाब में नगर पंचायत गठित करने के लिए सर्वे भी हुआ था। कचनार, रानी बाजार, वीरभानपुर, मेहदीगंज को मिलाकर राजातालाब नगर पंचायत बनाने की योजना भी बनी थी और यह प्रस्ताव सरकार को भेज भी दिया गया था। इसके बाद 2016 में दोबारा कचनार, रानी बाजार को मिलाकर प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन अब जब 18 नई नगर पंचायत के गठन हेतु योगी कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव पास होने, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिले भर में कई गांवों को नगर से जोड़ा जा रहा है और प्रदेश भर में कुछ माह बाद निकाय चुनाव होने भी जा रहे हैं योगी कैबिनेट मीटिंग में 18 नई नगर पंचायतों के गठन में राजातालाब को शामिल नहीं करने से लोगों में मायूसी छा गई ऐसे में राजातालाब के लोग एक बार फिर अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। यहां के निवासियों का कहना है कि अब तो उन्हें इस बात की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही है कि राजातालाब नगर पंचायत बन पाए। एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया है कि राजातालाब को नगर पंचायत का दर्जा मिलते ही विकास कार्य तेजी से शुरू हो जायेगा स्थानीय लोगो को शहरी योजना का लाभ मिलने लगेगा, लोग जागरूक भी होंगे। वहीं जिले के सिरे तक विकास के लिए राजातालाब का नगर पंचायत बनना भी जरूरी है। राजातालाब के नगर पंचायत बन जाने से यहाँ के निवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, यहाँ के निवासियों के जीवन स्तर में भी बदलाव आएगा, इसी को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया था। उन्होंने कहाकि राजा तालाब के बारे में नगर पंचायत बनने का जो ख्वाब देखा था वह चकनाचूर हो गया। कहा कि यहां पर ना तो सीवर है न अवजल निकासी की कोई सुविधा है सड़कें जर्जर दुर्दशाग्रस्त हैं। लोगों को गर्मी के दिनों में पानी का संकट झेलना पड़ता है। ग्राम पंचायतें निष्क्रिय होकर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी हैं और वह विकास की प्रक्रिया को अपनाना नहीं चाहती। नगर पंचायत बनता तो राजातालाब क्षेत्र में इस समस्या का निराकरण होता।
यही के स्थानीय निवासी महेंद्र राठौर, पूजा गुप्ता, जैशलाल वर्मा, मनोज पटेल, आकाश जायसवाल आदि लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र का पूरा नगरीकरण हो चुका है किंतु सुविधाएं गांव से भी बदतर है।
“नपं बनने पर क्या होगा फायदा”
राजातालाब क्षेत्र के उपरोक्त ग्राम पंचायत नगर पंचायत में बदल जाता। इसके बाद यहां शहरों की तरह सुविधाएं मिलने लगती। पंच प्रधान की जगह पार्षद, नपं अध्यक्ष होंते। नगर का विकास करने के लिए अलग से सेटअप होते। इसमें पार्षदों व अध्यक्ष के मुताबिक विकास के काम होंते। सड़कों का चौड़ीकरण होते, हर घर में नल और शौचालय होंते। मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को भटकना नहीं पड़ता। हाट-बाजार बनते। बस स्टॉप और बस स्टैंड बनते। रोजगार के अवसर बढ़ते। बेरोज़गारों के लिए दुकानों का निर्माण होता। नगर साफ और स्वच्छ रहता। गोठान का निर्माण भी होता। शहरी परिवेश में बच्चों का विकास होता।
“क्या होगा नुकसान”
जलकर, मलकर, समेकित और संपत्तिकर चुकाना पड़ेगा। चौड़ीकरण व नाली निर्माण से मकान टूट सकते हैं। राजातालाब के नगर पंचायत बन जाने से यहां के निवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही, वहां के निवासियों के जीवन स्तर में भी बदलाव आएगा, इसी को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया था।
लेकिन राजातालाब को नगर पंचायत बनाने की तैयारी अधूरी रह गई। जिस बावत सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बुधवार को सीएम योगी और पीएम मोदी को डिजिटली पत्राचार कर राजातालाब को नगर पंचायत बनाने की पुनः माँग रखी है।
धन्यवाद
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राजकुमार गुप्ता
वाराणसी
राजातालाब को नगर पंचायत नहीं बनाने पर मायूसी
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