रामायण मेला शुरू होते ही इंद्र का ‘कोप‘

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– पहली बार शासन ने दिया 40 लाख अतिरिक्त

– गायिका मालिनी अवस्थी का कार्यक्रम अंतिम दिन

संदीप रिछारिया

चित्रकूट। खांटी समाजवादी डाॅ0 राम मनोहर लोहिया की परिकल्पा के आधार पर वर्ष 1973 में प्रारंभ हुआ रामायण मेला शुक्रवार को प्रारंभ तो हुआ, पर इंद्रदेव के कोप के कारण शुरू होते ही मद्विम पड़ गया। कृषि विभाग द्वारा बनाए गए विशाल पंडाल पर उद्घाटन के बाद बारिश ने कहर मचा दिया। जिसके कारण प्रदर्शनी के साथ ही हथकरघा विभाग की दुकानें व सूचना विभाग द्वारा लगाई गई कथा रघुनाथ की भी पानी पानी हो गई।

शुक्रवार की दोपहर महोबा से आए लखन लाल एडं पार्टी की मंच पर प्रस्तुति चल रही थी। कृषि विभाग से जुउ़े तमाम विभागों व किसानों ने अपनी प्रदर्शनी लगा रखीं थी। दोपहर लगभग एक बजे इसका शुभारंभ प्रदेश सरकार के लोकनिर्माण विभाग के राज्य मंत्री व स्थानीय विधायक चंद्रिका प्रसाद दीक्षित ने किया। इस दौरान डीएम शेषमणि पांडेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उदघाटन के थोड़ी देर बाद ही मौसम बदला और जोरदार बारिश शुरू हो गई। जिसे जहां जगह मिली भाग खड़ा हुआ। इस दौरान सूचना विभाग की प्रदर्शनी व हथकरघा विभाग की ओर से लगाई गई सैकड़ों दुकानें भी पानी से लबालब भर गईं। बच्चों के मनोरंजन के लिए लगाए गए झूले भी एक किनारे पड़े दिखाई दिए।

संकल्प सेवा संस्थान ने पिलाई ठंडई
संकल्प सेवा संस्थान के डायरेक्टर संजय करवरिया व उनकी पत्नी कल्पना करवरिया ने लोगों को ठंडई पिलाकर राहत प्रदान की। इस दौरान तमाम लोगों ने कहा कि यह आयोजन बढिया किया गया है। संजय ने बताया कि संस्था की ओर से कर्वी में निशुल्क कोचिंग भी चलाई जा रही है।

शासन की इमदाद नकद नहीं, कार्यक्रम मिले
राष्ट्रीय रामायण मेला का प्रांतीयकृत होने का यह पहला साल है। प्रदेश सरकार ने इसे 40 लाख की इमदाद दी है। आयोजकों का कहना है कि जिला प्रशासन हमें पैसा नही बलिक कलाकारों के कार्यक्रम दे रहे हैं। इस आयोजन की सबसे बड़ी बात प्रदेश सरकार में सबसे ताकतवर आईएएस अवनीश अवस्थी की पत्नी भोजपुरी व अवधी की गायिका मालनी अवस्थी की प्रस्तुति है।

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