राष्ट्रीय संस्था “हिन्दी साहित्य भारती” की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक जिओ मीट पर हुई सम्पन्न!

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रिपोर्ट – अनुज मौर्य

नेशनल डेस्क
“हिंदी साहित्य भारती” राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक गत दिवस संपन्न हुई, जिसमें कश्मीर से कन्याकुमारी तक, देशभर के साहित्यकार, मनीषी-चिंतक, विद्वानों ने सहभागिता की।

महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. शाश्वतानंद जी गिरि , कुरुक्षेत्र एवं गुजरात साहित्य अकादमी के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. विष्णु पांड्या ने अपने दिशादर्शन एवं आशीर्वचन से संस्था को आशीषित किया।

बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शुक्ल ने की तथा संयोजन एवं संचालन डॉ. अनिल शर्मा रुड़की, उत्तराखंड ने किया।

बैठक का शुभारंभ करते हुए माँ वाणी की वंदना डॉ. मंजरी शुक्ल एवं मातृभूमि वंदना डॉ.अनिल शर्मा ने प्रस्तुत की। विषय प्रवर्तन एवं सदस्यों का परिचय डॉ. अनिल शर्मा ने किया।

संस्था अध्यक्ष डॉ.रवीन्द्र शुक्ल ने पूरे देश के साहित्यकार, मनीषी-विद्वानों का स्वागत करते हुए संस्था के उद्देश्य, रूपरेखा एवं संविधान को समझाया।
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए ‘हिंदी साहित्य भारती’ के माध्यम से संपूर्ण देश में विशाल जनआंदोलन करने की बात कही। डॉ. शुक्ल ने पूरे देश में कक्षा 8 तक की शिक्षा का माध्यम मातृभाषा को बनाने पर भी बल दिया ।

बैठक में दो समितियों का गठन किया गया- प्रिंट तथा ई-पत्रिका की समिति में डॉ. विकास दवे को संयोजक तथा डॉ. इंदुशेखर ‘तत्पुरुष’, डॉ. कमलेश मिश्रा, डॉ. रमा सिंह गुना एवं डॉ.रामेंद्र सिंह, को सदस्य बनाया गया।

साहित्यिक गतिविधियों के सुचारु संचालन लिए योजनाएं तैयार करने के लिए आचार्य देवेन्द्र देव को संयोजक तथा डॉ. इंदुशेखर ‘तत्पुरुष’ , डॉ. रमा सिंह गुना, डॉ. इन्द्र सिंह ठाकुर एवं निधि द्विवेदी को सदस्य बनाया गया।

केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रवींद्र शुक्ल ने संस्था के सुगठन हेतु सभी साहित्यकारों से बिंदुवार चर्चा करते हुए 15 दिनों में प्रादेशिक तथा 1 माह में जिला स्तर तक कार्यकारिणियों का गठन संपन्न करने का प्रस्ताव दिया।

अध्यक्ष डॉ. शुक्ल ने चार प्रदेशों- उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गोआ एवं त्रिपुरा की इकाइयों के गठन की घोषणा की।

हर प्रदेश में दो व्हाट्सएप समूह- एक प्रदेश कार्यकारिणी हेतु तथा दूसरा साहित्यिक गतिविधियों के संचालन हेतु विकसित करने और पूरे देश का एक फेसबुक अकाउंट तथा पेज तैयार करने की बात निश्चित हुई। फेसबुक पेज की जिम्मेदारी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी डॉ. रमा सिंह गुना और फेसबुक समूह की जिम्मेदारी का निर्वहन निधि द्विवेदी करेंगी ।
इन समस्त प्रस्तावों को सभी ने हाथ उठाकर अनुमोदिन किया।

प्रभावशाली उद्बोधन देते हुए डॉ. शुक्ल ने ध्येय वाक्य “इदं राष्ट्राय इदं न मम्” का स्मरण कराया तथा हिंदी को विश्व स्तर पर प्रचारित प्रसारित करने के साथ ही भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में मान्यता प्रदान कराने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भाषा-संस्कृति के विस्तार हेतु “हिंदी साहित्य भारती” की अप्रत्याशित प्रगति तथा इस कार्य को राष्ट्र समर्पित कार्य मानते हुए अपने सर्वस्व समर्पण की बात कही तथा सहयोग का आह्वान करते हुए सभी को समर्पण हेतु साधुवाद दिया।

बैठक में सभी प्रदेशों के लगभग 55 मनीषी-विद्वानों ने सहभागिता की जो कि संस्था के विस्तार की दृष्टि से एक मिसाल है, अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं प्रसंशनीय भी है।

बैठक में प्रो. ओमपाल सिंह ‘निडर’, आचार्य देवेंद्र देव, डॉ. इंदुशेखर ‘तत्पुरुष’, डॉ.विकास दवे, डॉ रमा सिंह गुना, डॉ.रमा रानी सिंह, प्रो. लता चौहान, डॉ. चैतन्य चेतन, डॉ. सुनीता मंडल, डॉ रामेंद्र सिंह, डॉ वागीश दिनकर, डॉ सुनील कुमार दुबे, योगेंद्र शर्मा, सूरजमल मंगल, रामचरण रुचिर, डॉ. मनोज कुमार, प्रो. दिनेश प्रसाद साह, डॉ. सुरेश चंद शर्मा राजभाषा अधिकारी, डॉ. रामेंद्र सिंह, डॉ. रमाकांत शर्मा, डॉ. यशवंत सिंह, डॉ. बृजेश पांडेय, डॉ. दिनेश साहू, डॉ. कालीचरण झा, डॉ. सुरभि दत्त, डॉ. योगेंद्र मिश्रा, डॉ. योगिटील शैलजा, डॉ. रवि प्रताप सिंह, डॉ. व्योम अग्निहोत्री, डॉ. वी. वेंकेटेश्वर राव, डॉ. आनन्द रत्नेश त्रिपाठी, डॉ. रजनीश शर्मा, डॉ. सचित “शशि” केरल, डॉ बांका बहादुर अरोरा पंजाब, जम्मू कश्मीर से डॉ. जसविंदर सिंह, डॉ. राजकुमार उपाध्याय ‘मणि’ केंद्रीय विश्वविद्यालय हि. प्र., डॉ. सुधीर शर्मा भोपाल, डॉ. रमाशंकर भारती, डॉ. केशव शर्मा, डॉ. इंद्र सिंह ठाकुर, निधि द्विवेदी, डॉ. कमलेश मिश्रा, चेतन नितिन खरे आदि ने बैठक में सहभागिता की।

कल्याण मंत्र का पाठ डॉ. चैतन्य चेतन ने किया।
बैठक में गरिमामय उपस्थिति के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए संस्था के अध्यक्ष डॉ. रवीन्द्र शुक्ल जी ने सभी को धन्यवाद दिया। आभार प्रदर्शन डॉ. अनिल शर्मा ने किया तथा बैठक को सफल एवं ऐतिहासिक बताया।

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