रिकॉर्ड बनवाने के चक्कर में पौधारोपण के तौर तरीके किए तार-तार

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पौधों की पॉलीथिन ही नहीं हटाई, कैसे पनपेंगे पौधे

बेलाताल (महोबा)। एक दिन में लाखों पौधों को रोपित करने का रिकार्ड बनवाने के फेर में पौधारोपण के सामान्य तौर तरीकों को धता बता पौधे रोपित कर दिए गए। और तो और पौधों की पालीथिन तक नहीं हटाई गई ऐसे में उनके पनपने के आसार भी खत्म हो गए हैं।

वन महोत्सव के नाम पर लापरवाही की इंतेहा हुई है. पौधे तो रोपित हो गए हैं पर उनका जडें जमा पाना मुश्किल लग रहा है। क्योंकि जैतपुर वन क्षेत्र में पॉलिथीन निकाले बगैर ही पौधों का रोपण इस साल फिर कर दिया गया है।

जैतपुर में छैमाही माता मंदिर परिसर व गोरा तालाब के पास में सैकड़ों पौधों का रोपण किया गया है। पीपल , बरगद , बेल , आंवला के इन पौधों को वन विभाग की नर्सरी से दिया जा रहा है। नियमानुसार पौधारोपण करते समय पालीथन को फाड़ देने या निकालकर अलग करने का प्रावधान है। लेकिन लापरवाही साल दर साल होती चली जा रही है। क्योंकि बीते 25 सालों में पौधों का रोपण तो खूब हुआ पर कुछ ही पेड़ बच सके।

वन क्षेत्राधिकारी अजनर सीबी सिंह कहते हैं कि अजनर वन क्षेत्र में इस वर्ष 10 लाख 34 हजार 772 पौधों का रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वन ही नहीं सभी विभागों को पौधों के रोपण की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जैतपुर के छैमाई माता मंदिर परिसर व गोरा तालाब के पास में किस विभाग ने बिना पालीथन निकाले पौधों का रोपण किया है उन्हें जानकारी नहीं है। वन रेंज अधिकारी कहते हैं वह वन विभाग के कर्मचारी भेज पौधों की पॉलिथीन हटा देंगे।

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