राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड (महोबा) । रेलवे के रनिंग स्टाफ को रिफ्रेशर प्रशिक्षण अब आनलाइन दिया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने आनलाइन प्रशिक्षण को स्वीकृति दे दी है।
गौरतलब है कि उत्तर मध्य रेलवे कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के प्रारंभ में सभी अनिवार्य और वैकल्पिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सामाजिक दूरी प्रोटोकॉल के तहत स्थगित करना पड़ा था। संरक्षा और कुशल ट्रेन संचालन के लिए नवीनतम ज्ञान से फ्रंटलाइन स्टाफ को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है।
ऑनलाइन प्रशिक्षण का उपयोग करके रनिंग स्टाफ के लिए रिफ्रेशर और अन्य संरक्षा संबंधी पाठ्यक्रमों के ऑनलाइन संचालन के विचार को रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। उत्तर मध्य रेलवे ने इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया है। डीजल और बिजली ट्रैक्शन से जुड़े लगभग 120 कर्मचारी ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। रेलवे बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद अब सभी प्रशिक्षुओं का औपचारिक मूल्यांकन किया जा सकेगा .और जब तक कि नियमित कक्षा प्रशिक्षण बहाल ना हो जाए आगे के बैचों को भी इसी तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रयागराज मंडल में ई-ऑफिस के कार्यान्वयन के साथ अब उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों आगरा, झांसी और प्रयागराज सहित उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय में ई-ऑफिस प्रणाली लागू हो गई है। यह प्रणाली कुशल, पारदर्शी और पेपरलेस वर्किंग सुनिश्चित करने के अलावा सामाजिक दूरी के पालन में भी अत्यंत लाभदायक होगी।
रेल परिचालन और अनुरक्षण में आधुनिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग की दिशा में नवीनतम प्रयास के तहत सिग्नलिंग गियर के रखरखाव के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) और आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (AI) का का उपयोग नया प्रयोग है। अपनी वर्कफोर्स को अपेक्षित ज्ञान युक्त करने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स(IOT) और आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (AI) विषय पर एक वेब आधारित संगोष्ठी और वीडियो कॉन्फ्रेंस पर आयोजन किया गया। आईओटी फ़ील्ड से डेटा का प्राप्त कर सेंट्रल लोकेशन या क्लाउड को भेजता है। आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस इस डेटा को विश्लेषण करता है और ज़रूरी अलर्ट और रिपोर्ट आगे भेजता है। यह सिग्नलिंग गियर के अवस्था और समस्यायों की सटीक भविष्यवाणी करने में मदद कर सकता है और इसके माध्यम से समय रहते ध्यान देने से सिग्नल विफलताओं से बचा जा सकता है। आगरा मंडल के वृंदावन स्टेशन पर अक्टूबर 2019 से यह परीक्षण प्रणाली कार्य कर रही है और अब तक इसका प्रदर्शन संतोषजनक रहा है। प्रयागराज मंडल में 05 और ऐसी प्रणालियों के लिए काम तथा झांसी मंडल के लिए इसी तरह की व्यवस्था पर कार्य प्रगति पर है। इस विषय के विशेषज्ञों के साथ संबंधित वेबिनार का आयोजन उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य सिग्नल इंजीनियर नीरज यादव ने किया, जिसमें उत्तर मध्य रेलवे के संकेत एवं दूरसंचार विभाग के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों सहित 101 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। सदस्य सिग्नल एंड टेलीकॉम रेलवे बोर्ड प्रदीप कुमार एवं उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर अरुण कुमार भी इस वेब-आधारित संगोष्ठी में शामिल हुए। श्री प्रदीप कुमार ने कहा कि आईओटी और एआई के उपयोग से सिग्नलिंग विफलताओं में कमी लाई जा सकेंगी और सिस्टम की विश्वसनीयता में भी सुधार होगा।