लोको पायलट ध्रुव रिछारिया ने दौडाई पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन

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देश की पहली स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के ट्रायल का सौभाग्य महोबा जिले के कुलपहाड कस्बा निवासी सीनियर रेल ड्राईवर ध्रुव रिछारिया को मिला है। ध्रुव रिछारिया ने गत 21 व 22 दिसम्बर को खजुराहो व महोबा रेलवे स्टेशनों के मध्य पहले 70 फिर 90 व बाद में 110 व 130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन को दौडाकर स्लीपर वंदे भारत का ट्रायल किया।

चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में तैयार होने के बाद 16 कोच की स्लीपर वंदे भारत ट्रेन को ट्रायल के लिए झांसी रेल मंडल के खजुराहो – महोबा रेल सेक्शन पर ट्रायल के लिए भेजा गया था। आरडीएसओ लखनऊ के इंजीनियरों व अनुसंधानकर्ताओं की मौजूदगी में हुए इस ट्रेन रनिंग ट्रायल की जिम्मेदारी सेंट्रल रेलवे के सीनियर रेल ड्राईवर ध्रुव रिछारिया को सौंपी गई थी। 29 वर्षों से झांसी में बतौर रेल ड्राईवर अपनी सेवाएं दे रहे ध्रुव रिछारिया देश की सभी प्रतिष्ठित यात्रीगाडी राजधानी , गतिमान व शताब्दी एक्सप्रेस चला चुके हैं।

ध्रुव रिछारिया ने एम्पटी कोच ( खाली कोच ) के अलावा यात्रिओं के वजन के अनुरूप आयरन बैग से भरे कोच में खचाखच भरी ट्रेन का भी 130 किमी. प्रति घंटा की गति के साथ ट्रायल किया। उन्होंने रेल यात्रा के दौरान लगने वाले बफ फोर्स , बाउंस फोर्स , एक्सलेरेशन , डीएक्सलेरेशन , डम्प फोर्स का भी आरडीएसओ इंजीनियरों की मौजूदगी में परीक्षण किया। गौरतलब है कि ध्रुव रिछारिया के पिता प्रेमबाबू रिछारिया कुलपहाड के रहने वाले हैं वे रेलवे में अहमदाबाद में सीनियर बुकिंग क्लर्क पद से रिटायर्ड हुए। ध्रुव का पूरा परिवार अभी भी कुलपहाड में रहता है।

स्लीपर वंदे भारत चलाने के अनुभव के बारे में ध्रुव कहते हैं कि यह भारत की अब तक की सबसे अत्याधुनिक ट्रेन है एवं 29 वर्षों के मेरे अनुभव में सारी तकनीकियों से लैस ट्रेन कभी नहीं चलाई है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी व रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, आरडीएसओ व डीआरएम झांसी का आभार जताया है।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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