वादा लुभावना होता है.. रायबरेली में पकड़े गए साइबर ठगों की इनसाइड स्टोरी

9 महीने से रायबरेली जनपद से संचालित कर रहे थे ठगी का नेटवर्क

एक करोड़ से ज्यादा की हुई है ठगी

रायबरेली – रोजाना की तरह साइबर सेल रायबरेली के इंचार्ज विंध्य विनय अपने ऑफिस पहुंचे साइबर सेल के ऑफिस में उनका स्टाफ भी मौजूद था साइबर सेल का अत्याधुनिक पोर्टल खोला गया थोड़ी देर बाद पोर्टल पर एक सस्पेक्ट सिंबल दिखाई देता है। यह सस्पेक्ट सिंबल साइबर फ्रॉड करने वाले का स्थान को दिखाता है। साइबर सेल रायबरेली की टीम जैसे ही उसे पर क्लिक करती है एक बड़ी डिटेल सामने आ जाती है जिसमें आईएमइआई नंबर लोंगिट्यूड, लट्टीट्यूड साइबर ठगी करने वालों की लास्ट लोकेशन रायबरेली जनपद के मिल एरिया थाना क्षेत्र में दिखाई देती है। प्रभारी निरीक्षक विंध्य विनय हरकत में आते है पोर्टल के जरिए प्राप्त हुई लट्टीट्यूड और लोंगिट्यूड को जब वह मैप पर सर्च करके देखते हैं तो लोकेशन मिल एरिया थाना क्षेत्र के ग्राम वैष्णो नगर गुदवा गदियाना दिखाई पड़ती है। समय को व्यर्थ ना करते हुए प्रभारी निरीक्षक अपनी टीम के साथ सिविल लाइन चौराहा पहुंचते हैं। उनकी टीम तत्काल मिल एरिया थाना रायबरेली से संपर्क करती है अतिरिक्त पुलिस बल की मांग करती है मिल एरिया थाना से सी अबरार हुसैन अपनी टीम के साथ साइबर सेल के साथ प्राप्त हुई लोकेशन की तरफ आगे बढ़ते हैं। पुलिस टीम एक मकान की लोकेशन को ढूंढ निकलती है जो मकान कमलेश कुमार शुक्ला का होता है। पुलिस टीम कानून के मुताबिक तलाशी शुरू करती है दरवाजा पर पुलिस टीम जैसे ही दस्तक देती है एक व्यक्ति दरवाजा खुलता है पुलिस टीम को देखते ही वह सकपका जाता है। पुलिस टीम दोबारा से गेट को खोलने को कहती है जैसे ही टीम अंदर जाती है पुलिस ने देखा कि तीन व्यक्ति लैपटॉप चला रहे हैं और तीन मोबाइल चला रहे हैं काफी इलेक्ट्रॉनिक सामान बिखरा हुआ है उसी के साथ छेड़छाड़ किए आधार कार्ड आसपास दिखाई देते हैं। पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सामानों की रिकॉर्डिंग करते हुए 6 अभियुक्तों को मौके से दबोच लेती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग में कम पैसे लगाकर अधिक पैसे कमाने का लालच देते थे

पकड़े गए अभियुक्तों ने बताया कि वह लोगों को कम पैसे लगाकर अधिक पैसे कमाने का लालच दिया करते थे इसके लिए लोगों से संपर्क करने के लिए वह अलग-अलग जगह से फेक आईडी पर सिम कार्ड खरीदते थे जिसके बाद वह ऑनलाइन ठगी करते थे।

पकड़े गए आरोपी करीब 9 महीने से रायबरेली में दफ्तर संचालित कर रहे थे और वह अब तक एक करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुके हैं इनका संगठित नेटवर्क अन्य कई राज्यों में है जिसकी विवेचना की जा रही है।

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