विश्व पर्यावरण दिवस की बहुत-बहुत बधाई!

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By-अवनीश कुमार मिश्रा

प्रतापगढ़। विश्व पर्यावरण दिवस 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से 5 जून को आयोजित कार्यक्रम में इसकी शुरुआत की गई थी।स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में दुनिया का पहला पर्यावरण सम्मेलन यहां पर आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन के दौरान ही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नींव पड़ी थी। इसीलिए हम लोग आज के दिन पर्यावरण दिवस मनाते हैं। आज के दिन हमें कम से कम एक वृक्ष अवश्य लगाना चाहिए। शहरों में जिनके पास जमीन नहीं है वह गमलों में ही कोई न कोई वृक्ष हो सके तो तुलसी का ही वृक्ष लगाएं।

दास ने विगत वर्ष सेनानी ग्राम देवली में माई के कहने से एक पीपल का वृक्ष जो कुएं के अंदर से निकला था उसे संरक्षित करके चबूतरा बनवाया था। जब पुरवा हवा चलती है तो उस पीपल से सुंदर शुद्ध वायु हम सबको मिलती है। जिसकी जड़ लगभग 50 से 60 फीट अंदर है वैसे पीपल के वृक्षों की जड़ दो ढाई मीटर तक ही जाती है और जब आंधी तूफान आते हैं तो वह गिर जाते है। ठाकुर जी की कृपा रही तो यह वृक्ष सैकड़ों वर्ष तक मौजूद रहेगा।

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