दिवारी नृत्य रहा आकर्षण का केंद्र
चित्रकूट। धर्मनगरी चित्रकूट के रामायण मेला परिसर में कला संस्कृत संगम (कलार्पण) कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें अवध के अलावा ब्रज प्रांत, काशी प्रांत, रुहेलखंड व बुंदेलखंड प्रांत के कत्थक कलाकारों, दीवारी नृत्य व काव्यांजलि सहित अन्य आयोजन में प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
कलार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ प्रमुख द्वार के संत मदन गोपाल दास महाराज ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में आई कलाकार गौरंगी शर्मा ब्रज प्रांत, अरुण रावल महारास गायन की प्रस्तुति अपने कलाकारों के साथ की। राजस्थान का प्रसिद्ध कालबेलिया एवं झूमर नृत्य की प्रस्तुति। सबसे ज्यादा दर्शकों की तालियां दिवारी व बृज के कलाकारों अपनी कला का प्रदर्शन कर बटोरी।
भगवान श्रीकृष्ण के नटवर स्वरुप का सुन्दर नृत्य चित्रण व कथक कलाकारों द्वारा भगवान महादेव का नटराज नृत्य आकर्षक रहा। कार्यक्रम में तनुश्री, लेखराज कोहली, डॉक्टर मीरा दीक्षित, नित्या निगम, वैदेही करवरिया,अरिंदम सिंह, मोहित गौतम, शैलेंद्र सिंह, तमन्ना सिंह, दीपा यादव, ज्योति सिंह आदि ने अपनी कला प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया। इसके अलावा काव्यांजलि समारोह का आयोजन व संस्था की वार्षिक बैठक का भी आयोजन हुआ।
इस दौरान जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश चंद्र दुबे, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी निरंजन कुशवाहा चित्रकूट सेवा संस्थान, श्रद्धा निगम धनंजय सिंह, डॉक्टर शिवप्रकाश, योगेश शुक्ला, फ्यूजन नित्या, काजल, अंशिका, व जिलाध्यक्ष संजय करवरिया सहित दिल्ली लखनऊ व वृंदावन से आए अतिथि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-पुष्पराज कश्यप