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खनन माफिया मुरारीलाल बंसल के हौसले
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बुलंद सरभंगा आश्रम के महंत को धमकी
सतना। सतना जिले की मझगंवा तहसील का वो जंगली क्षेत्र जिसे हिन्दू धर्म के आस्था वादी भगवान श्री राम के वनवास काल का इतिहास मानकर पूजते हैं, और वर्तमान समय में टाईगर संरक्षित क्षेत्र के रुप में ख्याति अर्जित करने वाली सरभंग ऋषी की तपस्थली शरभंगा आश्रम के आसपास का वन परिक्षेत्र आजकल खनन के लिए कुख्यात होकर कर्नाटक का बेल्लारी बनने की राह पर है।सरकारी लीज की आड़ लेकर यहां पर खनन करवा रहे खनन माफिया मुरारीलाल बंसल के हौसले इतने बुलन्द है। कि जहां कुछ हेक्टेयर जमीन की लीज लेकर पूरा पहाड़ खोदे डाल रहे है।तो वहीं अवैध खनन की शिकायत करने पर साधु संतों की जासूसी करवाते हुए धमकी दी जा रही है।
मामला सतना जिले के मझगवां वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सरभंगा आश्रम है। जिसे वर्तमान समय में अगर कर्नाटक के बेल्लारी की उपमा दी जाय,तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के चौरासी कोसीय परिक्रमा पथ के साथ ही टाईगर कारीडोर बनाए जाने के लिए प्रस्तावित इस छेत्र में प्रसिद्ध बहुमूल्य खनिज संपदा लेट्राइट ( बाकसाईड ) के खनन के लिए खनन माफिया मुरारीलाल बंसल के साथ ही शासकीय अधिकारियों की जुगल बंदी से ढाई हेक्टेयर की लीज लेकर पूरे पहाड़ में लगभग पचासो हेक्टेयर की जमीन में अवैध खनन किया जा रहा है। इस अवैध खनन के चलते जहां प्राचीन ऐतिहासिक महत्व के अवहेश नष्ट होने की कगार पर है,तो वहीं टाईगर कारीडोर बनाए जाने की संभावनाएं चूर चूर होती दिखाई दे रही हैं।जिसके कारण अब इस अनैतिक कार्य का विरोध होना भी शुरु हो गया है, कांग्रेस विधायक निलांशु चतुर्वेदी के साथ ही स्थानीय कांग्रेस नेता रीतेश त्रिपाठी ने किए जा रहे खनन का विरोध किया है।तो वहीं अब खनन के विरोध की आग लगाकर बढ़ती चली जा रही है। आम जन मानस के साथ ही साधु संतों ने भी विरोध करना शुरू कर दिया है।दूसरी तरफ विरोध करने पर खनन माफिया मुरारीलाल बसंल के द्वारा साधु संतों धमकी भी दी जाने लगी है। जब इस खनन की जानकारी लेने मीडिया टीम खनन स्थल पर पहुंची तो वहां मौजूद मुरारीलाल बंसल के गुर्गे द्वारा मीडिया टीम को पहले रोका गया और न मानने पर धमकाया गया।
यह पूरा मामला प्रस्तावित टाइगर कॉरिडोर ,राम पथ गमन मार्ग एवं आस्था के केंद्र सरभंगा आश्रम का है। जहां शाशन द्वारा लीज देकर हजारों प्रकार की वनस्पतियो, जड़ी बूटियों, तथा भगवान राम के प्रतीक चिन्हों को खनन कर नेस्तनाबूद किया जा रहा है। लेकिन जिस भाजपा सरकार के कंधो पर हो रहे इस अवैध खनन को रोकने के साथ ही भगवान श्री राम के महत्व पूर्ण अवषेशों को बचाने की जिम्मेवारी है, उसी के स्थानीय नेता और अधिकारी आंखो में पट्टी और कानों में तेल डालकर बैठे नजर आ रहे हैं।