सरकारी स्कूल में नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय मास्टर साहब करा रहे हैं मज़दूरी

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वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा खिलवाड़

वाराणसी। सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए सरकार भले ही तमाम प्रयास कर रही हो, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिले के विकास खंड आराजीलाईन के दीपापुर में सरकार के तमाम आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए शिक्षक दिखाई दे रहे है।

सरकारी स्कूल में जिन छात्रों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए थी उन मासूम बच्चों के हाथों से स्कूल परिसर में फावड़ा चलवाया जा रहा हैं। बच्चों से मज़दूरी कराने का वीडियो स्कूल परिसर में लगे सीसीटीवी से लेकर किसी ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।



यह है मामला
बता दें कि ये पूरा मामला दीपापुर गाँव में स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय का है। जहां नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय मास्टर साहब के द्वारा बच्चो को डंडे के बल डरा कर स्कूल परिसर में फावड़ा से गिट्टी उठाने और सफ़ाई कराने का काम कराया जा रहा है। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि स्कूल परिसर में पहले से बिखरे गिट्टी गंदगी को बच्चे द्वारा फावड़े से उठा कर तसला में ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। और कुछ बच्चों से सफाई भी करायी जा रही है। जबकि ये काम सफ़ाई कर्मी का है, लेकिन यहां सफ़ाई कर्मी की जगह मासूम बच्चे काम करते हुए दिखाई दे रहे हैं।

बच्चों के भविष्य के साथ किया जा रहा है खिलवाड़

राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सबसे बड़ी बात यह है कि 6 से 14 वर्ष के बच्चों से स्कूल टाइम में अभिभावक भी कोई कार्य नहीं करवा सकता है। शिक्षाधिकार से बच्चों को वंचित करना बालश्रम है लेकिन इस पूरे कृत्य का अन्य शिक्षकों ने विरोध क्यों नहीं किया। स्कूल स्टाफ की लापरवाही से बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

अब देखना होगा कि बच्चों से मजदूरी कराने वाले ज़िम्मेदार और अन्य लोगों पर कार्रवाई होती है या फिर मासूम बच्चों को पढ़ाने की जगह मजदूरी का काम कराया जाएगा या फिर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता और ग्राम प्रधान संतोष यादव ने बाल आयोग सहित उच्चाधिकारियों को ट्वीट कर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की माँग रखी है।

  • राजकुमार गुप्ता
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