रायबरेली
– महिलाओं, बुजुर्गों एवं विकलांग खाताधारकों के सुविधाओं का अकाल है
– करोड़ों का सर्विस चार्ज वसूलने वाले बैंकों में खाता धारकों के लिए पेयजल व शौचालय तक की व्यवस्था नहीं
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओ.पी. यादव ने कहा है कि सर्विस चार्ज के नाम पर बैंक करोड़ों की कमाई करते हैं, फिर भी ग्राहकों को सुविधा देने के नाम पर फिसड्डी हैं। ज्यादातर बैंकों में मिनिमम बैलेंस, सुविधा शुल्क, एवं पेनाल्टी के नाम पर छोटे-छोटे खाता धारको की मेहनत की कमाई से हजारों करोड़ रुपए खाताधारकों की बिना जानकारी बिना लिखित परमीशन के खातों से जबरदस्ती निकाल लिए जाते हैं पेनाल्टी के नाम पर गरीब खाताधारकों से कमाएं गऐ हजारों करोड़ रुपयों को बैंकों ने अपने उच्च अधिकारियों की राजशाही शानो-शौकत और ठाठ-बाट और अपने कार्यालयों भव्य एवं आलीशान बनाने के लिए खर्च करते हैं प्रत्येक ब्रांच में 4 से 5 एसी चलते रहते हैं। अपने अनाप शनाप राजशाही खर्चों की आपूर्ति के लिए मिनिमम बैलेंस के नाम पर हजार रुपये का बैलेंस ना रख पाने वाले गरीब खाताधारकों से वसूली करता है। बैंक ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए तरह तरह के प्रचार-प्रसार पर लाखों रुपये खर्च करता है नये ग्राहकों लिए बैंकों द्वारा शिविर भी लगाये जाते हैं, परंतु बैंकों की शाखाओं में ग्राहकों को सुविधाएं देने के नाम पर फिसड्डी साबित होती है। महिलाओं, बुजुर्गो एवं दिव्यांग खाताधारकों को सुविधाओं का अकाल है। बैंक तक पहुंचने वाले ग्राहकों के वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं की गयी है ग्राहकों को बेहतर सेवा देने की वचनबद्धता दोहराते रहे हैं ऐसे ही कई बैंक हैं जहां ग्राहकों के बैठने के लिए दो-चार कुरसी लगा दिये गये हैं परंतु अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाता है बैंक मैनुअल के अनुसार बैंक में ग्राहकों को बैठने के साथ-साथ पेयजल व शौचालय का भी इंतजाम किया जाना है परंतु कई बड़े बैंकों को छोड़ दें तो बाकी अन्य बैंकों में ग्राहकों के लिए सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जाता है ऐसी परिस्थिति में ग्राहकों को बैंक के बाहर पानी पीने के लिए भटकना पड़ता है। बैंकिंग के दौरान शौचालय की जरूरत महसूस होने पर दूरदराज से आनेवाली महिलाओं एवं बुजुर्ग खाताधारियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार सभी बैंकों को अपने ग्राहकों का ख्याल रखने का निर्देश दिया गया है बैंकों में सुविधा के नाम पर सोफा तो लगाये गये हैं, परंतु अधिकतर बैंक शाखाओं में ग्राहकों के सुविधाओं का ख्याल नहीं रखा जाता है इसके फलस्वरूप इन बैंकों में अब तक शौचालय की व्यवस्था ग्राहकों के लिए नहीं की गयी है इससे महिला ग्राहकों को काफी परेशानी होती है अधिकतर बैंकों में वाहन पार्किंग की व्यवस्था भी नहीं रहने से ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।