- हवा में तैर रहे अस्पताल में रोज चादर बदलने का फरमान
- बिना बेडशीट बिछाए ही किया जा रहा मरीजों का इलाज़
- सीएचसी लालगंज में नहीं सुधर रही चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं
लालगंज, रायबरेली। लालगंज कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। हालात यह हैं कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के पलंग पर बेडशीट तक नहीं लगाई जा रही हैं और ना ही उन्हें ओढ़ने के लिए कंबल मिल रहे हैं।
मजबूरी में तीमारदारों को अपने मरीजों की परवाह करते हुए या तो किराए पर बाजार से बेडशीट,कंबल लाना पड़ रहा है या फिर उन्हें अपने घर से यह चीजें लानी पड़ रही हैं। यह हालत मरीजों के सामने कई दिनों से बने हैं। बावजूद इन अव्यवस्थाओं को कुंभकर्णीय नींद में सोये जिम्मेदारों द्वारा दूर नहीं किया जा रहा है। सामुदायिक अस्पताल में मरीजों की भरमार है। लगभग सभी पलंगों पर मरीज भर्ती हैं।
भर्ती होने वाले मरीजों के लिए कायदे से पलंग पर बेडशीट लगाई जानी चाहिए। इसके साथ ही उनके ओढ़ने के लिए कंबल का भी इंतजाम होना चाहिए। कई दिनों से देखने में आ रहा है कि मरीजों को जिन पलंगों पर भर्ती किया जा रहा है,उन पर बेडशीट नहीं लगाई जा रही है।
इसके अलावा ओढ़ने के लिए कंबल भी नहीं दिए जा रहे हैं,जिसका वीडियो भी सोशलमीडिया में वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो दो दिन पहले का बताया जा रहा है,जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पलंग पर लेटे मरीज के नीचे बिना बेड़शीट बिछाये इलाज किया जा रहा है। यह हाल तब है जब लॉन्ड्री खर्च के नाम पर अस्पताल प्रशासन की ओर से हजारों रुपए दिखाए जाते हैं।
अस्पताल में आने वाले मरीजों में संक्रमण का खतरा बना रहता है। कमोवेश यही हाल जिले के अन्य अस्पतालों का भी है। कहीं मरीज को चादर दी ही नहीं जाती है,कहीं चादर दिया भी जाता है तो जब तक वह अस्पताल में रहता है तब तक चादर बदलने की कोशिश नहीं की जाती है।
जबकि अस्पतालों में मरीजों को स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने के लिए हर दिन चादर बदलने के आदेश हैं बावजूद जिम्मेदार आदेशों की अनदेखी कर व्यवस्थाओं को पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
वहीं जब उक्त संबंध में सीएचसी अधीक्षक से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि ऐसा नहीं है,बेड़शीट हैं। मरीज जब सुबह डिस्चार्ज होता है तो वह बेड़शीट व कंबल चुरा ले जाते हैं।
आवश्यकता होने पर मरीजों को बेडशीट व कंबल दिए जाते हैं। लेकिन मरीज व तीमारदार उठा ले जाते हैं, जिस वजह से हम लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।
राजेश गौतम, सीएचसी अधीक्षक (लालगंज-रायबरेली)।
- संदीप कुमार फिजा