न्यूजडेस्क – सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनता की शिकायतों के त्वरित व निष्पक्ष निस्तारण के लिए igrs जैसे एक महत्वपूर्ण शिकायत निस्तारण पोर्टल की शुरुआत की थी, कुछ दिनों तक इस पोर्टल की स्थिति ठीक रही मगर अब igrs निस्तारण में अधिकारी ऑफिसो में बैठकर झूंठा निस्तारण करके शासन की मंशा पर पानी फेर रहे हैं और सीएम के महत्वपूर्ण पोर्टल का मजाक बनाने में जुटे हैं, अधिकारियों की पोल खोलने के लिए रिपोर्ट्स टुडे टीम ने शिकायत करके इसकी हकीकत जानी तो कैसे कोसे तथ्य सामने आए आइये आपको बताते हैं!
रायबरेली में igrs की स्थिति दयनीय
कभी igrs शिकायत निस्तारण में नम्बर एक पर रहने वाले जनपद रायबरेली में शिकायत निस्तारण की हकीकत परखी गयी तो निस्तारण का स्तर इतना दयनीय मिला जिसकी परिकल्पना नहीं की जा सकती है।
एक वर्ष से झूंठा निस्तारण कर रहा सिंचाई विभाग
Igrs निस्तारण स्थिति की दयनीय हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दूरभाष नम्बर 8808859449 से 30 सितंबर 2019, 23 जनवरी 2020, 1 मार्च 2020 को क्रमशः शिकायत संख्या 40015819021174, 40015819022997, व 40015820000193 दर्ज कराते हुए नहर की पटरी बनवाने सम्बन्धी शिकायते दर्ज कराई गई, इसी विभाग से यही शिकायत दर्जनों बार दो वर्ष से दर्ज कराई जा रही है मगर हर बार सिंचाई विभाग के जिम्मेदार दूरभाष से शिकायत का निस्तारण करके शाषन को धता बना रहे हैं।
पशुधन विभाग ने झाड़ा पल्ला
सीएम के igrs पोर्टल को हवा में उड़ाने में पशुधन विभाग भी सबसे आगे है, 12 जनवरी 2010 को दूरभाष 8808859449 से दर्ज कराई गई आवारा पशुओं की शिकायत का निस्तारण का जिम्मा पशुधन विभाग को मिला तो आनन फानन में अधिकारी डलमऊ तहसील के थुलरई गांव पहुंचे, निस्तारण के नाम पर पहले संशोधनों का रोना सुनाया फिर डलमऊ के व दीनशाह गौरा के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र में गौशाला न बनाना पड़े इसके लिए खण्ड विकास अधिकारी गौरा व डलमऊ को पत्र लिखकर व्यवस्था करने को कहा, मगर बीडीओ डलमऊ व दीनशाह गौरा व डलमऊ सबसे आगे हैं, उन्होंने कागज को फाइलों में दबाकर किनारा कर लिया।
एडीओ साहब को नहीं आती हिंदी, जवाब गैर जिम्मेदाराना
आईजीआरएस पर की गई शिकायत के निस्तारण में एक सहायक विकास अधिकारी में तो ऐसा मजाक बनाया की पूँछिये न उनकी आख्या सुनकर बड़े बड़े अधिकारी भी चकरा जाएं, 21 मार्च 2020 को दूरभाष नम्बर 88808859449 से की गई शिकायत संख्या 400158200004899 के निस्तारण का जिम्मा डीपीआरओ ने जब एडीओपी को दिया तो शुद्ध हिंदी न लिख पा रहे एडीओ साहब ने लिखा कि ग्राम पंचायत स्तर के किसी अधिकारी को आवारा पशु पकड़ने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया, इसलिए इस समस्या का निदान नहीं किया जा सकता है, अब सवाल यह कि सीएम योगी के इस महत्वपूर्ण पोर्टल पर ऐसे गैर जिम्मेदाराना निस्तारण से न सिर्फ जिले की छवि धूमिल हो रही है बल्कि लोगों का विश्वास भी सरकार से उठ रहा है, अब देखना है कि शासन से इस मामले पर क्या संज्ञान लिया जाता है या लापरवाह ऐसे ही सरकार का मजाक बनाते रहते हैं।