हर्षोल्लास के साथ मनाई गई उपन्यासकार मुंशी प्रेमचन्द्र की जयन्ती

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महोबा- बजरंग चैक स्थित हनुमान मंदिर में उपन्यासकार मुंशी प्रेमचन्द्र की जयन्ती समाजसेवी पूर्व प्रधानाचार्य शिवकुमार गोस्वामी की अध्यक्षता में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। जहां उन्होने मंुशी प्रेमचन्द्र के बारे विस्तार से वर्णन किया।
इस दौरान पूर्व प्रधानाचार्य ने कहा कि मंुशी प्रेमचन्द्र का जन्म वाराणसी के लमही ग्राम 31 जुलाई को हुआ था। उन्होने बताया कि मंुशी प्रेमचन्द्र महोबा के शिक्षा विभाग में एस.डी.आई. (डिप्टी साहब) के पद पर वर्षो कार्यरत रहे। कहा कि महोबा में रहने के नाते किसी चैराहे पर उनकी प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए तथा उस चैराहे का नाम मंुशी प्रेमचन्द्र होना चाहिए। सरस्वती विद्या मंदिर इण्टर कालेज के संगीताचार्य पं0 जगप्रसाद तिवारी ने कहा कि यहां के लोगों के लिये गर्व की बात है कि मंुशी प्रेमचन्द्र की कर्मभूमि महोबा रही है। मंुशी प्रेमचन्द्र ने गांव की ज्वलन्त समस्याओं का कहानी के माध्यम से लिखकर जन-जन तक पहंुचाने का काम किया। उन्होने जो किया वह आज भी उनकी कहानियां समसमायिक तथा प्रासंगिक है। उन्होने कहा कि कर्मभूमि, गोदान जैसे अनेक उपन्यास आज भी प्रासंगिक है। इस मौके पर रामलाल रिछारिया, एड0 रामअवतार सिंह, प्रमोद कुमार सक्सेना, कैलाश गोस्वामी, श्रीमती विनीता गोस्वामी सहित दर्जनो लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व प्रधानाचार्य शिव कुमार गोस्वामी ने कार्यक्रम मौजूद लोगो को आभार व्यक्त किया।

राकेश अग्रवाल रिपोर्ट

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