हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 – ज्वालामुखी असेंबली सीट से कांग्रेस के संजय रत्तन विजयी।
हिमाचल असेंबली चुनाव में ज्वालामुखी सीट पर बीजेपी को सीट रिपीट करना आसान नहीं दिख रहा है। एक तरफ कांग्रेस और आप उम्मीदवार हैं वहीं बीजेपी के नाराज और बागी प्रत्याशी भी उनकी राह में मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। यहां पर ज्वालामुखी असेंबली सीट पर बीजेपी ने रविंदर सिंह को उम्मीदवार बनाया है। उधर कांग्रेस ने अपने पुराने चेहरे पर दांव खेलते हुए संजय रत्न पर ही भरोसा किया है। ज्वालामुखी विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी ने होशियार सिंह को बीजेपी और कांग्रेस को चौकाने के लिए रण में उतारा है।
कांगड़ा जिले की ज्वालामुखी विधानसभा सीट आती है। 2017 में ज्वालामुखी में कुल 51.98 प्रतिशत वोट पड़े। 2017 में भारतीय जनता पार्टी से रमेश चंद ध्वाला ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संजय रत्न को 6464 वोटों के मार्जिन से हराया था।
अब बात ज्वालामुखी असेंबली सीट के मदताताओं की संख्या की…
ताजा आंकड़े के अनुसार यहां कुल वोटरों की संख्या 80,141 है। इनमें से पुरुष मतदाता 40,808 है। और महिला वोटरों की संख्या 39,333 है।
ज्वालामुखी के वोटरों की संख्या
कुल मतदाताओं की संख्या – 80,141
पुरुष वोटरों की संख्या – 40,808
महिला मतदाताओं की तादाद – 39,333
साल 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी ने ज्वालामुखी सीट से 6,464 वोट से जीत हासिल की थी। बीजेपी के विजयी उम्मीदवार रमेश चंद ध्वाला को 27,914 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर रहे संजय रत्न को 21,450 मत मिले थे। इस सीट पर कुल 51.98 प्रतिशत वोट पड़े थे। तीसरे नंबर पर रहे निर्दलीय कैंडिडेट विजेंद्र कुमार को 3529 वोट मिले थे।
इससे पहले वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के संजय रत्न विजयी हुए ते। संजय रत्न को 24,929 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के रमेश चंद को 20,904 वोट हासिल हुए थे।
वहीं वर्ष 2012 की बात की जाए तो कांग्रेसी कैंडीडेट संजय रत्न को कुल पड़े वोटों का 53.23 फीसदी मिला था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी प्रत्याशी रमेश चंद को 44.64 फीसदी वोट मिले थे।
विधानसभा की सामान्य सीट ज्वालामुखी सीट की सियासी गणित की बात करें तो इस सीट पर अब तक 11 बार असेंबली चुनाव हो चुके हैं। बीजेपी ने 5 बार चुनाव जीता है। वहीं कांग्रेस को तीन बार विजयश्री मिली है। साथ ही 3 बार अन्य उम्मीदवारों ने बाज़ी मारी है। मौजूदा विधायक रमेश चंद ध्वाला जीत के लिए पूरी ताकत झोंक रहे हैं। वहीं बीते चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे संजय रत्न जीत का सूखा खत्म करना चाहते हैं। उधर आप अपने उम्मीदवार होशियार सिंह से उलटफेर करवाने के लिए कमर कसे हुए है।
अब एक नज़र ज्वालामुखी सीट के उम्मीदवारों की मजबूती की…
ज्वालामुखी सीट के उम्मीदवारों की ताकत
रविंदर बीजेपी का नया चेहरा
बीजेपी कैंडिडेट रविंदर सिंह
पूर्व मंत्री रहे हैं रविंदर सिंह
बीजेपी के लिए तुरुप का पत्ता
बागियों और कार्यकर्ताओं को लिया साथ
कांग्रेस प्रत्याशी संजय रत्न
बीते चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे
ज्वालामुखी से एमएलए भी रह चुके
स्थानीय लोगों में पॉपुलर हैं संजय
आप उम्मीदवार होशियार सिंह भारती
स्थानीय जनता में ख़ासे लोकप्रिय
अरविंद केजरीवाल को है होशियार पर भरोसा
होशियार सिंह भारती की है बेदाग छवि
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले की ज्वालामुखी सीट पर राजपूत और अनुसूचित जनजातियों का दबदबा है। जीत में इन जातियों का रोल हम होता है। इस विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा राजपूत मतदाता हैं। वहीं ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी अधिक है। ज्वालामुखी मंदिर के चलते इस विधानसभा सीट का नाम ज्वालामुखी रखा गया है।