10 दोस्तों ने लिया एक संकल्प, और अब…..

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इनपुट – सौरभ शुक्ला

न्यूज़ डेस्क – पूरा विश्व जब इस समय कोरोना जैसी एक भयावह बीमारी से लड़ रहा है । ऐसे में हिंदुस्तान में भी प्रधानमंत्री को 21 दिन के लॉक डाउन का फैसला लेना पड़ा । यह निर्णय थोड़ा कठिन जरुर था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनता से अपील करके इस फैसले को स्वीकारने की बात कही । इस पूरी लड़ाई में अगर सबसे ज्यादा कोई परेशान हुए तो वह है देश का दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार चलाने वाला वर्ग । फिर चाहे वह सर पर बोझ ढोने वाला मजदूर हो या रिक्शा चलाकर अपना पेट भरने वाला ।

जब तक रहेगा लॉक डाउन तब तक करेंगे मदद

गरीब और बेसहारा लोगो की मदद करके मीडिया और शोसल मीडिया पर अपनी फोटो लगवाने वाले तो बहुत होंगे लेकिन । रायबरेली जनपद के ये 10 दोस्त जो कि बचपन से साथ रहे और इस आपदा के समय भी साथ खड़े हुए । मिल एरिया थाना क्षेत्र के मलिक मऊ कॉलोनी के रहने वाले राहुल बाजपेई, श्रीकांत मिश्रा, वसीम खान, नितेश चौधरी सहित इन 10 दोस्तो ने संकल्प लिया कि हम गरीबो की मदद करते हैं और बस फिर निकल पड़े अपने सफर पर ।

रोजाना 300 परिवारो को खाना खिलाने के साथ ही लगभग 100 घरों को राशन देने का भी करते हैं काम

इन दोस्तो ने लॉक डाउन के पहले ही दिन से खाना बनवाकर पलायन करके आने वाले लोगो के साथ साथ गली गली जाकर लोगो को खाने के पैकेट बांटने का काम किया और फिर इनका कारवां पहुंच गया शहर के सबसे निचले तबके वाले काशीराम आवासीय कॉलोनी में जहां पर पहुंचकर इन्होंने जब वहां के लोगो की स्थिति देखी तो काशीराम कॉलोनी को जैसे गोद ही ले लिया और लगभग 300 लोगो के खाने की रसोई वहीं पर सज गई । और अब वहां के 300 लोग दोनो पहर का भरपेट भोजन पाकर इन दोस्तो को दवाएं भी देते हैं । कारवां यही नही रुका बल्कि कुछ ऐसे लोग जिनके घर इस लॉक डाउन में चूल्हा जलना बन्द होने वाला था और रोजाना खाना पहुंचा पाना भी सम्भव नही था उन घरों को आटा दाल चावल के सतब सब्जी नमक और तेल भी पहुंचाने का काम करने के साथ ही जरूरत मंदो को राशन खत्म होने पर दोबारा सूचना देने पर पहुंचाने का भी काम कर रहे हैं यह 10 दोस्त ।

नही ले रहे किसी भी संगठन से मदद

जहां एक तरफ ये लोग फ़ोटो शेसन से दूरी बनाए हुए हैं वहीं दूसरी तरफ किसी संगठन से मदद न लेकर इस सेवा की पूरी जिम्मेदारी भी अपने ही कंधों पर उठाए हुए हैं ।

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