91.2%अंक पाकर शौर्य गुप्ता बने बैरोज स्कूल के टॉपर

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मनोज तिवारी ब्यूरो चीफ अयोध्या
एक पिता के लिए वो पल बेहद सुखद होता जब उसके बच्चे सफलता के उच्च्तम शिखर को छूकर अपनी बुलंदी का परचम लहराते हैं। यूं तो बच्चों की हर छोटी-बड़ी खुशी मां-बाप को सुकून देती हैं। लेकिन जिंदगी में कुछ पड़ाव ऐसे होते हैं जो ताउम्र उसकी (बच्चे की) सफलता का बखान करते रहते हैं। आज (24 जुलाई 2022) जारी इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा परिणाम ने निश्चित ही मेरे जैसे अभिभावकों को सुख की अनुभूति कराई होगी।
हर माँ-बाप इस उम्मीद के साथ जीता है कि उसकी औलाद आगे चलकर उनका नाम रोशन करेंगी! यह उम्मीद बरकरार भी रहनी चाहिए। क्योंकि इसके लिए उसने (मां-बाप) अपने कई खवाईशों को बच्चों की जरूरत को पूरा करने के लिए बढ़ने से पहले ही मार दिया होगा। कुछ अभिभावक तो ऐसे भी रहे होंगे जिन्होंने मुश्किल हालातों में अध्ययन के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया होगा। बच्चों की आंखों से सपना साकार होते देखकर उससे मिलने वाली खुशी का ठिकाना ही कहां रहता है। किसे होश रहता है कि इस सपने को खुली आंखों से देखने का मज़ा कम ना होने पाए।
आज ऐसे ही सुखद पल की अनुभूति मेरे पुत्र द्वारा मुझे प्रदान की गई।

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