रिपोर्ट – गौरव यादव
लाकडॉउन का तीसरा चरण खत्म होने और चौथा चरण शुरू होने में एक दिन शेष है, लेकिन ये खत्म होते होते इस देश को कई आंसू देकर जा रहा है। चाहे सड़कों पर अपने पैरों से दूरी नाप रहे अप्रवासी मजदूर हो या फिर दुर्घटनाओं में हो रही इन्हीं मजदूरों की मौत। एक तरफ तो सरकार इन मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए तमाम श्रमिक ट्रेनें चलाने के दावे कर रही है तमाम बसों का इंतजाम भी किया जा रहा है लेकिन इन सब इंतजाम के बावजूद सड़कों पर मजदूरों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। लोग किसी भी तरीके से किसी भी संसाधन से अपने घर पहुंचना चाहते हैं कोई ऑप्शन न मिल पाने पर ये पैदल ही चल पड़ते हैं।
आज की सुबह देश के लिए एक नया दर्द लेकर आई। लोग नींद से जागे भी नही थे कि उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में ट्रक का एक लारी से एक्सीडेंट होने का पता चला जिसमें 24 मजदूरों की मौत हो गई। मजदूरों की मौत के बाद हर तरफ मातम और हाहाकार था सड़कों पर चलने वाले सहम उठे थे। थोड़ी देर के लिए समय का पहिया रुक से गया। उसके बाद सड़कों पर देखने पर पता चला कि महा पलायन अब भी थमा नहीं था। शायद यही पलायन की त्रासदी है जिसमे बस चलते जाना है।
आज यूपी सरकार को पत्र लिखकर कांग्रेस की तरफ से 1000 बसें चलाने की अनुमति मांगी है।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) May 16, 2020
रोज होती दुर्घटनाएं, असहनीय पीड़ा, अमानवीय हालात। हमारे कामगार भाई-बहन और उनके बच्चे संकट के दौर से गुजर रहे हैं।
मैंने सरकार से पहले भी अपील की है कि कृपया बसें चलाकर पैदल चल रहे.. 1/2 pic.twitter.com/Bw2EOIkgil
सुबह की घटना के बाद अब राजनीति भी जोरों पर थी जहां एक तरफ प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को ट्वीट किया। चिट्ठी भी लिखी। राहुल गांधी ने भी दिल्ली में पैदल चल रहे मजदूरों से मुलाकात की। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी सरकार पर निशाना साधा। इन सबके बीच आनन फानन योगी सरकार ने एक्शन में आते हुए औरैया प्रकरण में दोषी दो थानाध्यक्षों को सस्पेंड कर दिया ।
देर शाम होते होते सरकार का एक आदेश और आ गया कि इस तरह के वाहनों पर अब मजदूरों को जाने से रोका जाएगा। किसी भी तरह से ट्रक, डग्गामार वाहन, लॉरी से इन मजदूरों को अब आगे बढ़ने नहीं दिया जाएगा जो जहां पर भी दिखे उसे वहीं रोक लिया जाए और फिर सरकारी बसों से या फिर ट्रेन के द्वारा उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए नहीं तो जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी सजा भुगतनी पड़ेगी ।