यूपी सरकार और कांग्रेस में जुबानी जंग तेज, बैरंग लौटीं बॉर्डर पर खड़ी बसें

13

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि नोएडा-गाजियाबाद में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए बसों का इंतजाम किया गया है लेकिन सरकार इसकी इजाजत नहीं दे रही। दूसरी ओर यूपी सरकार ने कहा है कि कांग्रेस की ओर से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिए गए, इसलिए बसें चलाने की अनुमति नहीं दी गई। लिहाजा, दोनों ओर की तनातनी के बीच बसें बैरंग अपने डिपो की ओर लौट गईं।

कांग्रेस की बसों को नहीं मिली इजाजतनोएडा-दिल्ली बॉर्डर से लौट गईं बसें

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर खड़ी करीब 250 बसें अब लौट गई हैं। ये बसें कांग्रेस ने यूपी के श्रमिकों के लिए मंगाए थे। यूपी सरकार की ओर से बसें चलाए जाने की इजाजत नहीं मिलने के बाद सभी बसें बॉर्डर से लौट गईं। बता दें, श्रमिकों के लिए कांग्रेस की बसों पर यूपी सरकार और प्रियंका गांधी के बीच जुबानी जंग चरम पर पहुंच गई है।

कांग्रेस ने कहा है कि नोएडा-गाजियाबाद में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिए बसों का इंतजाम किया गया है लेकिन सरकार इसकी इजाजत नहीं दे रही। दूसरी ओर यूपी सरकार ने कहा है कि कांग्रेस की ओर से फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं दिए गए, इसलिए बसें चलाने की अनुमति नहीं दी गई। लिहाजा, दोनों ओर की तनातनी के बीच बसें बैरंग अपने डिपो की ओर लौट गईं।

यूपी में बसों का इंतजाम देख रहे कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने इंडिया टुडे से कहा कि हमलोग राजनीति नहीं कर रहे। अगर यूपी सरकार अपनी पार्टी के नेताओं के फोटो बसों पर लगाना चाहती है तो लगाए लेकिन गरीब मजदूरों को अब और परेशान नहीं होने देना चाहिए। राजीव शुक्ला ने कहा कि 800 से ज्यादा बसें तैयार हैं मजदूरों को ले जाने के लिए, सरकार की ओर से अनुमति मिलने भर की देर है। वे लोग (यूपी सरकार, बीजेपी) गरीब लोगों के खिलाफ राजनीति कर रहे हैं।

दूसरी ओर, यूपी सरकार का कहना है कि बस के नाम पर कांग्रेस राजनीतिक लाभ लेना चाहती है. बीजेपी की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस की तरफ से 1 हजार बसों की जो सूची सौपी गई है उनमें ज्यादातर कार, एंबुलेंस और बाइक हैं. जब राजस्थान से छात्रों को यूपी लाना था तो कांग्रेस ने उनके लिए बसों का इंतजाम क्यों नहीं किया?

कांग्रेस की बसों को यूपी में एंट्री नहीं दिए जाने पर पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को फिर मजदूरों के लिए बसों की अनुमति देने की अपील की। उन्होंने कहा कि भले बसों पर बीजेपी अपने पोस्टर लगाए, या खुद कहे कि उसने बसें चलाई हैं, हमें इससे कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन मजदूरों की मदद करे।

प्रियंका गांधी ने कहा कि मंगलवार को गाजियाबाद बॉर्डर पर बसें खड़ी थीं, लेकिन उन्हें परमिशन नहीं दी गई। बसें आज भी वहां खड़ी हैं, सरकार को उन्हें चलाने की इजाजत देनी चाहिए ताकि श्रमिकों की मदद की जा सके। एक हजार बसों में जो सरकार को चलने लायक लगती हैं, कम से कम वही शुरू की जाएं। अगर इन दो दिनों में बसें चली होतीं तो 92 हजार लोग घर पहुंच चुके होते।

दुर्गेश सिंह रिपोर्ट

Click