अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी नहीं सुधरी पचीपुरा रोड की दुर्दशा
रिपोर्ट- जिला संवाददाता महेन्द्र कुमार गौतम
जालौन तहसील क्षेत्र के ग्राम पचीपुरा के पास मुख्य मार्ग कोंच से जालौन जाने बाली सड़क अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है, तो वहीं इसके लिये पिछले साल आंदोलन हो चुका है। नेताओ से लेकर प्रशासनिक अफसर तक आश्वासन दे चुके लेकिन सड़क की दशा पहले जैसी ही है। आलम यह है ग्रामीण उस मार्ग से तैर कर निकलने को मजबूर हो रहे हैं और गाहे बगाहे दो पहिया बाहन सवार उस पवित्र गंगाजल में आये दिन डुबकी लगाकर अपने शरीर को क्षति ग्रस्त करते हुए वहां से मन ही मन सरकार को कोसते हुए निकल जाते है। उपरोक्त के सम्बंध में ग्रामीणों द्वारा दिनांक 1 सितम्बर 19 को सड़क पर जाम लगाते हुए प्रशासन से मांग की थी कि जनहित को देखते हुए उक्त सड़क का निर्माण होना अति आवश्यक है क्योंकि बरसात के दिनों में इस रास्ते से गुजरने में भी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। जिसपर उपजिलाधिकारी कोंच ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि इस सड़क की समस्या को जल्द से जल्द दूर करा दिया जाएगा और उत्तर प्रदेश सरकार की गढ्ढा मुक्त सड़क योजना पर काम करते हुए इसे पूर्ण गढ्ढा मुक्त युक्त कर दिया जाएगा। लेकिन पुनः लौटकर एक नया बर्ष होने बाला है और बरसात ने दरबाजे पर दस्तक दे दी है लेकिन सड़क निर्माण का कहीं दूर दूर तक नामो निशान भी नहीं दिख रहा है और प्रशासन के बादे हवा हवाई दिख रहे हैं। ऐसे आचरणों से ही जनता जब ऊब जाती है तो वह हिंसा पर उतारू हो जाती है। कहीं ऐसा न हो कि ग्राम पचीपुरा के ग्रामीणों का आक्रोश भी ज्वालामुखी बनकर न फुट पड़े।