रायबरेली
“रात के बाद दिन अवश्य आता है, चाहे जितना अधंकार हो सूर्य की किरणें उसे नष्ट कर वातावरण को प्रकाशवान कर देती है।
प्रकृति का भी यही नियम है।परिवर्तन ही जीवन है।
हमें आगे ही आगे बढ़ना है, जड़ता को त्यागना है। बच्चों ! आगे बढ़ना ही जीवन है। पढ़ना और पढ़ाना ,अध्ययन और अध्यापन, पुस्तक /पुस्तिकाएं शैक्षणिक उपागम है। छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों का अनवरत प्रयास, इस कुहासे में भी ज्ञान का प्रकाश प्रज्ज्वलित करने में सक्षम हैं एस जे एस स्कूल को बुरसार एस जे एस ग्रुप की प्रियंका सिंह ने कहा कि हमें मिलकर ज्ञान का दीप जलाना है और अपने पाल्यों के भविष्य को उज्ज्वल बनाना है ।
अनुज मौर्य रिपोर्ट