रेलवे मंडल स्तर पर कर रहा है बिज़नेस डेवलपमेंट यूनिट की स्थापना

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राकेश कुमार अग्रवाल

झांसी। भारतीय रेल माल लदान को वर्ष 2024 तक दोगुना करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर काम कर रही है। इसे प्राप्त करने के लिए भारतीय रेल गैर थोक वस्तुओं के परिवहन में बड़े पैमाने पर प्रवेश करने के साथ-साथ कोयला, पीओएल, स्टील, सीमेंट, लौह अयस्क, खाद्यान्न, उर्वरक जैसी पारंपरिक वस्तुओं की ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिये प्रयास कर रही है।नान बल्क या ग़ैर थोक सामग्रियां मुख्यतः सड़क मार्ग से परिवहित होती है, और इस वृहद क्षेत्र में रेलवे के लिए बड़ा अवसर है जिसे एक उपयुक्त व्यवसायिक मॉडल को अपनाकर अपने पक्ष में किया जा सकता है। रेल के माध्यम से इन वस्तुओं का परिवहन न केवल सस्ता होगा, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगा।

हालांकि इस क्षेत्र में उद्योगों और विशेषज्ञों के ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होगी क्योंकि रेलवे के पास इस तरह के गैर-थोक यातायात को संभालने का सीमित अनुभव है।

इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों से युक्त जोनल और मण्डल स्तर पर एक बहु-विषयक बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बी.डी.यू ) विकसित की जा रही है और संबंधित विभागों के कार्यकारी निदेशक स्तर के अधिकारियों से युक्त रेलवे बोर्ड में पहले ही एक बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट बनाई जा चुकी है।

जोनल और मण्डल स्तर पर गठित इन बी.डी.यू द्वारा गैर-थोक माल परिवहन के बिजनेस को प्राप्त करने के लिये प्राप्त हर प्रस्ताव का आंकलन करना होगा, और प्रत्येक अवसर को अपने पक्ष में करने के लिए व्यावसायिक मॉडल को विकसित किया जायेगा और एक से अधिक जोनल रेलवे से जुड़े मामलों या नीतिगत निर्णय के सम्बंध में रेलवे बोर्ड स्तर से अनुमोदन भी इन्ही के द्वारा प्राप्त किया जायेगा ।

उत्तर मध्य रेलवे ने पहले ही क्षेत्रीय मुख्यालय स्तर और मण्डल स्तर पर प्रयागराज, झांसी और आगरा मण्डल में बी.डी.यू के गठन की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है। बी.डी.यू के गठन और इसके सदस्यों आदि के संपर्क विवरण को व्यापक रूप से प्रचारित – प्रसारित किया जाएगा ताकि नए व्यापार अवसर के सभी प्रस्तावों को शीघ्रता से क्रियांवित करते हुये प्राथमिकता पर लागू किया जा सके।
कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान रेलवे ने समय सारणी युक्त पार्सल सेवाओं के संचालन और इलेक्ट्रॉनिक रेलवे रसीद की शुरूआत, बिना पेपर रेलवे रसीद के माल की डिलीवरी, पार्सल ट्रेनों की औसत गति में सुधार, छोटी और मध्यम स्तर के व्यापरियों के माल परिवहन में रियल टाइम सहायता प्रदान करने हेतु नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम के माध्यम से पार्सल सेवाओं की जानकारी साझा करना, राष्ट्रीय हेल्प लाइन 139 और 138 आदि के माध्यम से इस दिशा में सार्थक प्रयास किये हैं। 30 जून तक उत्तर मध्य रेलवे ने पार्सल के एक पैकेट के भी परिवहन की प्रतिबद्धता के साथ अपने 40 अधिसूचित पार्सल स्टेशनों के माध्यम से 177 टन मेडिकल गुड्स सहित कुल 777.5 टन पार्सल का लदान किया है ।

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