चित्रकूट। जिला मजिस्ट्रेट शेषमणि पांडे ने बताया कि उत्तर प्रदेश मत्स्य अधिनियम 1948 की धारा 3 के अंतर्गत सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों की समस्त जल धाराओं पर प्रभावी होंगे।
जो जनपद चित्रकूट की सीमा में है कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई से 30 सितंबर तक मत्स्य जीरा तथा अंगुलिका न तो पकड़ेगा और न ही बेचेगा।
एक जुलाई से 31 अगस्त तक प्रजननशील मछलियों का शिकार नहीं करेगा जब तक कि उसके पास मत्स्य विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत वैध लाइसेंस न हो ऐसा शासनादेश में लागू नियम के अनुसार समस्त जल खंडों पर लागू होगा।
कोई भी व्यक्ति उक्त निर्देशित क्षेत्र के प्राकृतिक बहाव को रोकने हेतु कोई अवरोध नहीं लगाएगा और न ही कर के मत्स्य अंगुलिका और मछली नहीं पकड़ेगा अथवा नष्ट भी नहीं करेगा और न ही प्रयास करेगा।
इन आदेशों के उल्लंघन में लगाए गए सामग्रियों, पकड़े गए मत्स्य जीरा एवं मछली सहित जब तक ली जाएगी उपरोक्त आदेशों का उल्लंघन करने पर उत्तर प्रदेश अधिनियम 1948 के अंतर्गत दंडनीय होगा।