कलेक्टर ने शुरू की जांच
सतना । चित्रकूट के प्रमोद वन स्थित वृद्ध आश्रम के 4 कमरों को किराए पर देने से नाराज हुए वृद्ध – निराश्रित अपनी शिकायत लेकर आज जिला कलेक्टर के बंगलें पहुंचे। 1 दर्जन से अधिक बुजुर्ग निराश्रितों ने जिला कलेक्टर को अपनी समस्याओं से संबधित ज्ञापन सौंपा है। जिसमें प्रमुख मांगें थी कि वृद्ध आश्रम के कमरों में पटवारियों एवम् दबंग लोगों को कब्जा दिया हुआ है, और वृद्ध – निराश्रित दरबदर की ठोकरें खाते हुए भटकने के लिए मजबूर हैं, जो बेहद निंदनीय है, दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि छेत्र के जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। ऐसी स्थिति में बृद्ध और निराश्रित आखिरकार कहां जाएं। वहीं अगर व्यवस्थाओं के मामले में देखा जाए तो वृद्धाश्रम में मूलभूत सुविधाओं का बेहद अभाव है। वृद्धाश्रम चित्रकूट के 10 वृद्ध बाहर रह रहे है। जिनकी आवासीय व्यवस्था न कर 3 कक्ष अवैधानिक व्यक्तियों को प्रदान कर दिए गए हैं। 10 निराश्रित बृद्धों की भरण पोषण राशि बंद कर दी गई है, और वे दर दर भटकने को मजबूर हैं। जबकि बंद करने या निकालने का अधिकार केवल जिला कलेक्टर को है, बगैर कलेक्टर की स्वीकृत या अनुमोदन के बिना किसी विज्ञापन चयन प्रक्रिया के वृद्धा श्रम में 5-5 अवैध नियुक्तियां कर दी गई है। असहाय वृद्धों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं तेल ,साबुन, निरमा, मेडिकल ,आदि सभी बंद कर दिया गया है। वृद्ध आश्रम में रह रहे निराश्रितों के कक्ष बहुत ही जीर्ण शीर्ण हैं, जिनसे पानी टपकता है। शासन की तरफ से वृद्धाश्रम उपेक्षित है। ऐसी स्थिति में हम लोगों का जीना दुश्वार है। न हम लोगों के भोजन का ठिकाना है और न ही सोने के लिए कहीं छाया ही है। दूसरी तरफ बीते दिनों अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस के प्रदेश सचिव आशुतोष द्विवेदी और कांग्रेस नेता जनपद सदस्य संतोष तिवारी ने एस डी एम हेमकरण धुर्वे को चित्रकूट प्रमोद वन स्थित वृद्ध सेवा सदन में व्याप्त अव्यवस्थाओं में सुधार के लिए ज्ञापन सौंपा था। अव्यवस्थाओं में सुधार न होने पर 10 जुलाई के दिन जेल भरो आंदोलन की चेतावनी दी थी।
जिस पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व हेमकरण धुर्वे ने आश्वासन दिया था की जिन लोगों ने वृद्धाश्रम में अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। उसे तत्काल में खाली करवाया जाएगा। साथ ही निकाले गए निराश्रितों के मामले में कहा था कि नए सिरे से आवेदन करवाए जाने पर जांच कराकर उन्हें स्थान दिया जाएगा। एस डी एम के इस आश्वासन पर नेता द्वय ने कहा था कि अगर हमारी मांग पूरी होती है तो हम आंदोलन स्थगित कर देंगे।