रिपोर्ट – अनुज मौर्य
कोविड-19 के बाद उभरा दर्द!!
वित्तविहीन शिक्षकों की ना सरकार खबर ले रही है, और ना ही प्रबंधक इन दिनों में।
आर्थिक तंगी से जूझ रहा शिक्षक
रायबरेली। ऑनलाइन पढ़ाई के क्रम में व्हाट्सएप ग्रुपों के द्वारा यूट्यूब चैनलों को शेयर करके शिक्षक माध्यमिक और अन्य उच्च शिक्षा की पढ़ाई में जुटे हैं। उनके द्वारा कोई कसर नहीं छोड़ जा रहा है। वहीं 6 अगस्त से प्रारंभ हुई गूगल मीट ऑनलाइन पढ़ाई भद्दा मजाक साबित हुई। जहां कनेक्टिविटी में दिक्कत आ रही है वही शिक्षकों को इसमें रुझान नहीं मिल रहा है। क्योंकि इसमें छात्र-शिक्षक का एक ही समय में सभी का ऑनलाइन होना बहुत जरूरी होता है, दिक्कत तब और बड़ी हो जाती है जब छात्र के पास मोबाइल नहीं होता और शिक्षक ऑनलाइन होने के लिए समय देता है। कोविड-19 के इस दौरान ऑनलाइन पढ़ाई असंभव साबित हो रही है। सरकार द्वारा तरीके बदल-बदल कर पढ़ाई करवाई जा रही है। वहीं कॉलेज में पढ़ा रहे वित्तविहीन शिक्षकों की हालत बद से बदतर होती जा रही है पिछले कई महीनों से 2-3 हजार रुपए तनख्वाह जो मिलती वह भी नहीं मिल रहा है ।
प्रबंधक और प्रिंसिपल बहाना बताकर गोलमोल कर रहे। खाने के लाले पड़े हैं इन गुरुजनों के। शहरों- गांवो के कॉलेजों की बात की जाए तो शिक्षकों की मौज!! बहाना वही पुराना छात्रों के पास मोबाइल नहीं और दूसरे कनेक्टिविटी की दिक्कत अब राम ही भरोसे है इस सत्र की पढ़ाई।