CBI के वो अधिकारी, जो कर रहे हैं सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच

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  • एसआईटी में शामिल हैं CBI के संयुक्त निदेशक

  • दो डीआईजी भी बनाए गए हैं इस टीम का हिस्सा

  • 1 एसपी और एएसपी भी हैं एसआईटी में शामिल

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) में भ्रष्टाचार निरोधक इकाई-6 के अधिकारी शामिल हैं. सीबीआई की यह विशिष्ट इकाई विजय माल्या, कोयला घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड मामले जैसे हाई प्रोफाइल मामलों की जांच कर चुकी है. इस टीम ने दुबई से अगस्ता वेस्टलैंड मामले के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल को सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित किया था.

अब यही टीम सुशांत की मौत के मामले की जांच कर रही है. अब आपको बताते हैं उन अधिकारियों के बारे में जो इस एसआईटी का हिस्सा हैं.

मनोज शशिधर, संयुक्त निदेशक, सीबीआई

मनोज गुजरात कैडर के अधिकारी हैं. वह 1994 बैच के आईपीएस अफसर हैं. वर्तमान में शशिधर सीबीआई के संयुक्त निदेशक हैं. शशिधर ने अहमदाबाद की अपराध शाखा, वडोदरा के पुलिस आयुक्त, अहमदाबाद के संयुक्त पुलिस आयुक्त और गुजरात में पांच जिलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम किया है. उन्हें इस साल फरवरी से सीबीआई में प्रतिनियुक्त पर भेजा गया. सीबीआई में आने के बाद वह अवैध खनन घोटाला, विजय माल्या केस, अगस्ता वेस्टलैंड और अन्य संवेदनशील राजनीतिक मामलों की निगरानी कर चुके हैं. गुजरात में तैनाती के दौरान उन्होंने हत्या के कई मामलों की निगरानी भी की है.

गगनदीप गंभीर, डीआईजी, सीबीआई

वे पंजाब विश्वविद्यालय की टॉपर रही हैं. गगनदीप गंभीर 2004 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं. उनका कैडर गुजरात है. गगनदीप राजकोट सहित कई जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवाएं दे चुकी हैं. वो साल 2016 से सीबीआई में प्रतिनियुक्त पर हैं और कई हाई प्रोफाइल मामलों की जांच टीम का हिस्सा रही हैं. गंभीर ने विजय माल्या, अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला, अवैध खनन घोटाला जैसे मामलों की जांच की थी. जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी जांच के दायरे में हैं. गंभीर ने श्रीजन घोटाला और पत्रकार उपेंद्र राय के खिलाफ चल रहे मामलों की जांच भी की है.

नूपुर प्रसाद, एसपी, सीबीआई

नूपुर प्रसाद 2007 बैच के एजीएमयूटी कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं. मूल रूप से नुपूर बिहार के टिकारी के सलेमपुर गांव की रहने वाली हैं. वह दिल्ली में शाहदरा की डीसीपी भी रह चुकी हैं. उन्हें सीबीआई की सुपरकॉप के रूप में भी जाना जाता है. वे हत्या के कई मामलों और ऑनलाइन वित्तीय घोटालों की जांच कर चुकी हैं. पिछले साल नुपुर को CBI में प्रतिनियुक्त पर भेजा गया था. नुपुर भी उस टीम का हिस्सा हैं, जो अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले और विजय माल्या केस की जांच कर रही है. महिला आरोपियों से पूछताछ करने में उन्हें महारत हासिल है.

अनिल यादव, एडिशनल एसपी, सीबीआई

अनिल सीबीआई में एडिशनल एसपी हैं. वे कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला, मध्य प्रदेश का व्यापम घोटाला, अगस्ता वेस्टलैंड, शोपियां बलात्कार केस और विजय माल्या केस की जांच टीम में शामिल रहे. उन्होंने एमबीबीएस छात्र नम्रता डामोर की मौत की भी जांच की. ये वही छात्रा थी, जिसका शव रेलवे ट्रैक के पास मिला था. अनिल यादव मूल रूप से मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. वह सुशांत सिंह राजपूत मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी में एक जांच अधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं. अनिल को 2015 में गणतंत्र दिवस पर पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है.

सुवेज हक, डीआईजी, सीबीआई

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले की सीबीआई जांच में एक अधिकारी का अहम रोल होगा. जिनका नाम है सुवेज हक. वे सीबीआई में डीआईजी के पद पर तैनात हैं. इस मामले में डीआईजी सुवेज हक को सीबीआई और मुंबई पुलिस के बीच नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है. वे 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उन्हें साल 2018 में 5 वर्षों के लिए सीबीआई में प्रतिनियुक्त भेजा गया था. भीमा कोरेगांव हिंसा के दौरान वह एसपी पुणे ग्रामीण थे.

उनकी टीम ने ही हिंसा भड़काने वाले दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मिलिंद एकबोटे को गिरफ्तार किया था. उस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे. साल 2015 में शीना बोरा मर्डर केस मामले की जांच में भी वो शामिल थे. मुंबई पुलिस में रहते वक्त उन्होंने इस केस के अहम आरोपी को गिरफ्तार किया था. साल 2012 में उन्होंने रायगढ़ में एक जली हुई लाश मिलने के बावजूद केस का खुलासा नहीं होने पर एक जांच के आदेश भी किए थे. यह मामला उन दिनों चर्चाओं में रहा था.

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