मनरेगा में दो स्थानों पर 28 लोगों ने किया एक साथ काम
बेलाताल ( महोबा ) । विकासखंड जैतपुर के गांव धवर्रा में ग्राम पंचायत अधिकारी व ग्राम प्रधान द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की परतें आँखें खोलने वाली हैं। दोनों लोगों के गठबंधन ने मनरेगा योजना में दो दर्जन से अधिक लोगों को एक ही समय पर दो अलग अलग जगह काम करना दर्शाकर पूरी मजदूरी ही हडप ली।
गांव में ओमप्रकाश के खेत में खेत तालाब खुदाई का काम और छत्रपाल श्रीवास के यहां मेड़बंधी का काम 5 दिसम्बर १९ से 18 दिसम्बर १९ तक कार्य दिखाया गया है इन दोनों जगह के कामों में मस्टर रोल संख्या 4055, 4056 , 7490 , 7491 ,7492 पर 392 दिन की मजदूरी के रूप में 71344 /- रुपए की धनराशि निकाली गई है । जिसमें 28 जॉबकार्ड धारक काम पर लगाए गए . जिनमें जॉबकार्ड संख्या 475 , 476 , 477 वह 478 पर सात सात लोगों ने एक साथ दोनों जगह कार्य किया है जिसमें जॉब कार्ड संख्या 475 पर सोबरन , राजू , रेखा , रोहन , रजनी, मीना, मुनिया आदि के नाम चढ़े हुए हैं । दोनों जगह मस्टर रोल संख्या 7490 पर ₹17836 मजदूरी एक साथ दोनों जगह पर डाली गई। मनरेगा योजना में जब पूरा सिस्टम कंप्यूटराइज है तो ऐसी स्थिति में एक ही जॉब कार्ड धारकों को दोनों जगह पर एक साथ लगा कर भुगतान किया जाना साफ तौर पर जालसाजी की ओर इशारा कर रहा है इस प्रकार से फर्जी भुगतान की उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। और इसमें दोषी पाए जाने वाले हर कर्मचारी व अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए थी लेकिन केवल दो लोगों पर कार्यवाही कर इतिश्री कर ली गई।
इससे यह साबित होता है कि कार्य जेसीबी से करवाया गया था और भुगतान मजदूरों के खातों में फर्जी तरीके से डाला गया। कमोवेश यही हाल मेडबंधी में भी किया गया है ।
इस संबंध में गांव में जांच भी हो चुकी है मनरेगा योजना में व 14 वें वित्त योजना में जो भ्रष्टाचार किया गया है उसके संबंध में गांव के निवासी रविंद्र खरे द्वारा लगातार शिकायतें की गईं। जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत की गईं व आरटीआई के माध्यम से सूचनाएं भी संकलित की गई जिनके द्वारा ही यह भ्रष्टाचार उजागर हुआ है ।
जनसुनवाई पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई है जिसका निस्तारण केवल कागजों पर किया गया है धरातल पर नहीं।
इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी महोबा द्वारा पत्रांक संख्या 625 दिनांक 27-08- 2020 को जारी किया गया जिसमें खंड विकास अधिकारी जैतपुर को निर्देशित किया गया कि शिकायत का निस्तारण करने के लिए जांच आख्या की आवश्यकता है जो अभी तक कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराई गई है। जांच के संबंध में 2 सदस्यीय टीम नामित की गई थी जिसमें सहायक विकास अधिकारी पंचायत व अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण प्रखंड महोबा के सहायक अभियंता को पुनः जांच हेतु नामित किया गया था जिनके द्वारा की गई जांच आख्या अभी तक कार्यालय में उपलब्ध नहीं कराई गई है।
मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार पर मनरेगा उपायुक्त द्वारा कोई कार्यवाही न करना भी पूरे प्रकरण पर संदेह उत्पन्न करता है। अब देखना है कि कब तक जांच रिपोर्ट भेजी जाती है ।