रिपोर्ट – दुर्गेश सिंह
रायबरेली । डॉ. एस. शामासुंदर को राजीव गाँधी पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी संस्थान (आरजीआईपीटी) के संचालक मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिए की गई है। डॉ. शामासुंदर, वर्तमान में बंगलुरु स्थित प्रोसिम आर. एंड डी. प्राइवेट लिमिटेड के प्रवर्तक और प्रबंध-निदेशक हैं, जो ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। वे भूकंपीय विश्लेषण व परमाणु ऊर्जा संयंत्र प्रणाली की रूपरेखा मूल्यांकन पर वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों के समूह का भी नेतृत्व कर रहे हैं जो सेवा की अनुकूलता (एफएफएस), अवशेष जीवन मूल्यांकन व विस्तारण और ऊर्जा परिसंपत्तियों के संरचनात्मक अखंडता मूल्यांकन क्षेत्र में कार्यरत हैं। साथ ही, वे अक्षय ऊर्जा व रक्षा क्षेत्रों सहित ऊर्जा प्रणाली के क्षेत्र में शोध एवं संबंधित उपकरणों के स्वदेशीकरण एवं स्थानीयकरण कार्य से भी जुड़े हुए हैं। संस्थान के निदेशक, आचार्य अखौरी सुधीर कुमार सिन्हा ने उनकी नियक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा है कि डॉ. शामासुंदर को संचालक मंडल का अध्यक्ष नियुक्त किये जाने से आरजीआईपीटी को, उनके ऊर्जा एवं रक्षा क्षेत्र में शोध के प्रति लगाव से, उद्योगजगत के साथ संबंध स्थापित करने में मदद मिलेगी और संस्थान नई ऊँचाईयों को प्राप्त कर सकेंगी।
डॉ. शामासुंदर ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बंगलुरु से पीएच.डी. किया है। वे वर्त्तमान में आईआईटी धारवाड़ के संचालक मंडल के सदस्य एवं एस. व्यास योग विश्वविद्यालय के मानद सदस्य के रूप में सेवा प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावे इन्हें, इंपीरियल कॉलेज, लंदन; ड्रेक्सल विश्वविद्यालय, फिलाडेल्फिया, राइट स्टेट विश्वविद्यालय, अमेरिका, यूएस एयर फोर्स के मटेरियल प्रयोगशाला सहित विभिन्न संस्थानों में शोध कार्य का अनुभव है। डॉ. शामासुंदर ने भारतीय उद्योगजगत में कंप्यूटर सिमुलेशन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग का भी नेतृत्व किया और कई लघु उद्योगों को इसे क्रियान्वित करने में मदद की है।
डॉ. शामासुंदर ने 45 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किये हैं और फिक्की, सीआईआई, यूरोफोर्ज, जापान सोसाइटी फॉर टेक प्लास्टीसिटी, ए.एस.एम.ई., ए.एस.एम., वर्ल्ड फाउंड्री काँग्रेस जैसे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों से व्याख्यान दिए हैं। वे एक सक्रिय समाज उद्यमी हैं एवं समग्र विकास नामक संस्था के संस्थापक संरक्षक हैं जो पारिस्थितिकी विकास के क्षेत्र में कार्यरत है। इसके अलावे, उनका डेवलपमेंट फाउंडेशन, भारत विषयक विकास प्रारूप पर एवं युगयात्री, भारतीय ज्ञान प्रणाली के क्षेत्र में शोध व विकास कार्य से जुड़ी है।