महोबा में गोरखगिरी के विकास को शासन की हरी झंडी, 50 लाख की क़िस्त जारी

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रिपोर्ट – H. K. Poddar

महोबा- उत्तर प्रदेश शासन ने बुंदेलखंड के महोबा में नैसर्गिक सुषमा से परिपूर्ण, धार्मिक व पुरातात्विक महत्व के सुप्रसिद्ध गोरख पहाड़ में पर्यटन विकास के लिए महत्वपूर्ण परियोजना को स्वीकृति दे उसके क्रियान्वयन हेतु पचास लाख रुपये बजट की पहली किस्त निर्गत कर दी है।

सदर विधायक राकेश गोस्वामी ने बताया कि शासन ने बुंदेलखंड में पर्यटन विकास के लिए एक परिपथ तैयार कर उसमें शामिल चंदेल नगरी महोबा के ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व की धरोहरों, रमणीक प्राचीन धार्मिक स्थलों, मठ-मंदिरों, झीलों एवम सरोवरों को पर्यटन विकास के लिए चयनित करते हुए उन्हें उचित तरीके से सजाने-सवांरने ओर पर्यटकों के समक्ष प्रस्तुत करने की योजना पर कार्य शुरू कराया है। इसी क्रम में महोबा के दक्षिण-पश्चिम छोर पर आबादी से करीब एक किलोमीटर दूर स्थित गोरख पहाड़ को धार्मिक पर्यटन के लिए तीर्थ क्षेत्र के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। जिसके तहत प्रथम चरण में यहां पहाड़ पर करीब ढाई हजार फीट की ऊंचाई में स्थित जन आस्था के केंद्र सुप्रसिद्ध सिद्ध बाबा व संकटा देवी मंदिर तक रोशनी एवम पहुंच मार्ग का निर्माण, प्रवेश मार्ग पर विशाल द्वार निर्माण तथा पर्यटकों को बारिश एवम धूप से बचाव के लिए शेड का कार्य शामिल है। शासन ने उक्त कार्य को शीघ्र आरम्भ कराए जाने के निर्देशों के साथ पर्यटन विभाग को पचास लाख रुपये की पहली किस्त भी प्रदान कर दी है। कार्यदायी संस्था द्वारा मौके पर परीक्षण कार्य भी पूरा कर लिया गया है।

विधायक राकेश गोस्वामी ने बताया कि विविध प्रकार के रहष्य ओर रोमांच को अपने भीतर समेटे महोबा का गोरख पहाड़ विंध्य पर्वत माला का प्रमुख हिस्सा है तथा लगभग 5 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां स्थित ग्रेनाइट की बड़ी-बड़ी चट्टानों पर उत्कीर्ण कलाकृतियां न सिर्फ दर्शनीय है बल्कि चित्रकला की अबूझ पहेली है। इस पहाड़ में विशाल शिलाखण्डों द्वारा प्राकृतिक रूप से निर्मित गुफाएं ओर झरने हर किसी का मन मोह लेते है। गोरख गिरी की चोटी पर स्थित अंधेरी व उजेली गुफा के रहष्य आज भी बरकरार है। सम्पूर्ण क्षेत्र में बेशकीमती औषधीय पौधे भरे पड़े होने के कारण इसका खास महत्व है। त्रेता युग मे भगवान राम के वन गमन मार्ग में सम्मलित होने के कारण इसकी पौराणिक मान्यता है। तो नाथ सम्प्रदाय के महान संत गुरु गोरखनाथ व अन्य साधू महात्माओं की तप-स्थली होने के कारण गोरख पहाड़ का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा ओर अमावस्या पर गोरख गिरी की परिक्रमा व पूजन अर्चन के लिए दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोगो की भीड़ उमड़ती है।

सदर विधायक ने बताया कि महोबा में गोरख पहाड़ के समग्र विकास के क्रम में इसके चारों ओर तलहटी पर स्थित करीब एक दर्जन धार्मिक स्थलों का सुंदरीकरण भी परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनमे छोटी व बड़ी चंद्रिका देवी मंदिर,मदन सागर सरोवर के मध्य स्थित चंदेलकालीन खकरामठ शिवालय,पठवा के बाल महावीर,नाग मंदिर, सीता रसोई आदि प्राचीन स्थलों का जीर्णोद्धार का कार्य शामिल है। गोरख पहाड़ में पर्यटन विकास की दीर्घकालीन परियोजना में यहां रोप वे की स्थापना कर टूरिष्ट को आकर्षित किये जाने का कार्य भी है। हालांकि पर्यटन विभाग द्वारा अभी यहा छोटी चंद्रिका से बड़ी चंद्रिका के बीच मदन सागर तालाब में झूला पुल के निर्माण के कार्य हेतु निविदाएं निकाली जा रही है। जिससे पर्यटको के आकर्षण में खासी बृद्धि होगी।

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