रायबरेली। द रिपोर्ट्स टुडे की खबर का बड़ा असर हुआ है। जिलाधिकारी सुभ्रा सक्सेना ने महराजगंज उप जिलाधिकारी को तत्काल कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। विदित हो कि 19 फरवरी 2020 को दा रिपोर्ट्स टुडे ने ”शिवगढ़ में खूब फलफूल रहे अवैध नर्सिंग होम एवं झोलाछाप डॉक्टर” नाम के शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सुभ्रा सक्सेना ने महराजगंज उप जिलाधिकारी को तत्काल कार्यवाही के लिए निर्देशित किया है। ज्ञात हो कि राजनीतिक संरक्षण एवं स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से शिवगढ़ क्षेत्र में अवैध नर्सिंग होमों एवं झोलाछाप डॉक्टरों का धंधा खूब फल-फूल रहा है।
जिसका खामियाजा क्षेत्र की प्रसूता रूबी यादव को भुगतना पड़ गया। शिवगढ़ थाना क्षेत्र के ठकुराइन खेड़ा मजरे खजुरों गांव की रहने वाली प्रसूता रूबी यादव पत्नी बबलू यादव ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र देकर शिकायत की है कि 13 फरवरी की शाम 6 बजे उसे प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन उसे एम्बुलेंस सीएचसी शिवगढ़ ले गए जहां महिला चिकित्सक ने उसे देखा और बोली अभी प्रसव का समय नहीं है। पीड़िता का आरोप है कि वह रात भर सीएससी शिवगढ़ में भर्ती रही। सुबह महिला चिकित्सक ने उससे कहा कहीं दूसरी जगह दिखा लो। तभी वहां मौजूद रामराज नाम के शख्स ने अपने आप को सीएचसी स्टाफ से बताते हुए अपने निजी नर्सिंग होम में दिखाने की सलाह दी। जिसके बाद 14 फरवरी को सुबह प्रसव पीड़ा हुई तो पीड़िता रामराज के यहां भर्ती हो गई। आरोप है कि रात 11 बजे रामराज ने कहा दूसरी जगह बछरावां में दिखाना पड़ेगा। जिसका खर्चा 30000 रुपए आएगा। पीड़िता का आरोप है कि उसके परिजनों ने असमर्थता जाहिर करते हुए कहा कि इतना पैसा उनके पास नहीं है इसके बावजूद आरोपी युवक ने बोलोरो बुला ली और उन्हें अपने नर्सिंग होम में रोके रखा। बाद में गांव के ही दिनेश यादव के दखल पर उसे जाने दिया गया। जिसे परिजनों ने क्षेत्र के ही एक निजी नर्सिग होम में भर्ती कराया जहां रात 12 बजे पीड़िता ने एक पुत्र को जन्म दिया जिसकी 10 मिनट पश्चात मृत्यु हो गई। पीड़िता ने मुख्य चिकित्साधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर रामराज और उसके स्टॉप पर कार्यवाही की मांग की है। वहीं सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर एलपी सोनकर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनको रामराज नाम के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत मिली थी कि प्राइवेट क्लीनिक चलाता है। वहीं बताए गए स्थान पर जब जाकर देखा गया तो वहां कोई ऐसा साक्ष्य नही मिला जिससे साबित हो कि वहां पहले से कोई नर्सिंग होम अथवा कोई अस्पताल संचालित था।