विधायक ने विकास खण्ड कुरारा में कृषकों को मिनीकिट वितरित किया

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प्रेस विज्ञप्ति प्रमोशनल आॅफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फाॅर इन सीटू मैनेजमेन्ट आॅफ क्राप रेज्ड्यू योजनान्तर्गत कृषक जागरूकता कार्यक्रम एवं जनपद स्तरीय रबी कृषि उत्पादकता गोष्ठी का आयोजन दिनांक 07.10.2020 को राजकीय महिला महाविद्यालय हमीरपुर में आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्री युवराज सिंह मा0 विधायक हमीरपुर सदर रहे। श्री युवराज सिंह, सदर विधायक ने बताया कि उनकी सरकार वर्ष 2022 तक किसानोें की आय दोगुनी करने हेतु प्रतिबद्व है जिसके लिए कृषि के लिए बतायी गयी उन्नत तकनीको के साथ-साथ खेती में विविधीकरण जैसे कि पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन, बागवानी आदि किया जाये जैसा कि उनके द्वारा भी इसे अपनाया जा रहा है। वह स्वयं भी जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित है तथा उनके अनुसार जीवामृत/बीजामृत आदि का प्रयोग करते हैं तथा गोबर की खाद के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होने पानी की कम उपलब्धता को दृष्टिगत रखते हुए स्प्रिंकलर ड्रिप सिचाई के प्रयोग करने के लिए कृषकों को प्रेरित गया, उन्होने बुजुर्गवार कृषकों से अपील किया कि नई तकनीकी की जानकारी अपने युवाओं से सीखकर उनसे सामंजस्य बैठायें ताकि विकास कार्यो में उनकी भूमिका पूर्व की तरह महत्वपूर्ण बनी रहे।

श्री कुलदीप निषाद, नगर पालिका अध्यक्ष ने अपने सम्बोधन में किसानों को कृषि की नई तकनीकी के बारे में जानकारी करते हुए अपने उत्पादन को बढ़ाने हेतु प्रयास करें। उन्होने कृषकों से अपील किया कि खेतों में पराली/फसल अवशेष न जलायें इनके जलाने से वातावरण दूषित होता है तथा पैदावार कम हो जाती है। साथ ही साथ कृषक अपने जानवरों को खुला छोड़कर अन्ना न बनायें बल्कि शासन द्वारा लागू नीति के अनुसार कुछ पशुओं का पालन करते हुए देय सुविधाओं का लाभ उठायंें।
श्री कमलेश कुमार वैश्य मुख्य विकास अधिकारी हमीरपुर ने रबी गोष्ठी में उपस्थित कृषकों को बताया कि कृषि ही हमारी अर्थव्यवस्था है। भूमि हमारी मां है, इसकी उत्पादकता कम न हो इसके लिए वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खादों का अधिक प्रयोग करें ताकि रसायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम हो एवं पैसे की बचत हो सके। सभी कृषकों को पाॅस मशीन के माध्यम से आवश्यकतानुसार उर्वरक उपलब्ध करायी जायेगी। बीज एवं उर्वरकों की कोई कमी नही है, उसकी पूरी व्यवस्था की जा रही है। कृषकों से उन्होने अपील किया कि जनपद में संचालित मनरेगा योजनान्तर्गत विभिन्न कार्यो यथा-मेड़ बन्धी, नाला आदि कार्य पूर्ण करा सकते है जिससे उनकी सिंचन क्षमता बढ़ जायेगी। उन्होने बताया कि गौशालाओं से कृषक भाई गोवंश प्राप्त कर सकते है तथा उसके भरण पोषण हेतु प्रति गोवंश 900 रू0 प्रतिमाह नियमित रूप से दिया जाता रहेगा।
श्री विनय प्रकाश श्रीवास्तव अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) हमीरपुर ने अपने सम्बोधन में कहा कि आग जलने की घटना को चैबीसों घंटे सैटेलाइट द्वारा कैच किया जाता है, जिसके लिए उन्होने किसानों से अपील किया कि कोई भी कृषक खेतों पर पराली न जलाये बल्कि उसे खेत में मिलाकर उसकी उर्वरा क्षमता बढ़ायें। शासन पराली जलाने वालो के प्रति बहुत गम्भीर है जिस पर दण्डात्मक कार्यवाही करने हेतु स्पष्ट निर्देश मा0 उच्चतम न्यायालय/राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा दिये जा चुके हैं।
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श्री जे0एम0 श्रीवास्तव, उप कृषि निदेशक हमीरपुर ने रबी 2020-21 की उत्पादन रणनीति का विस्तार से कृषको को अवगत कराया। उन्होने कृषकों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, सोलर फोटोवोल्टैईक पम्प योजना, कृषि विविधीकरण, मृदा परीक्षण, वर्मी कम्पोस्ट, नैडेप कम्पोस्ट, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करने पर बल दिया गया। उन्होने बताया कि शासन द्वारा चलायी जा रही कृषि यंत्रीकरण योजनान्तर्गत पोर्टल पर आॅनलाइन टोकन कृषक भाई स्वयं निकाल सकते है तथा पहले आओ-पहले पाओ के आधार कृषि यंत्रों का लाभ ले सकते है। वित्तीय वर्ष में गेहूँ/दलहनी/तिलहनी फसलों का बीज 50 प्रतिशत अनुदान पर सभी बीज भण्डारों पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है जिसकी खरीद किसान भाई अपने से सम्बन्धित राजकीय कृषि बीज भण्डार से कर सकते हैं।
श्री श्रीवास्तव ने बताया कि पराली जलाने की दशा में 2 एकड़ तक के कृषको से रू0 2500, 2 से 5 एकड़ तक के कृषकों से रू0 5000 तथा 5 एकड़ से अधिक खेत वाले कृषकों से रू0 15000 आर्थिक दण्ड वसूला जायेगा। इसके अतिरिक्त पराली जलाये जाने की पुनरावृत्ति होने पर आर्थिक दण्ड के साथ-साथ कारावास का भी प्राविधान है, उन्होने बताया कि जनपद में कई वर्षो से फार्म मशीनरी बैंक एवं कस्टम हायरिंग सेन्टर द्वारा कृषि यंत्र अनुदान पर वितरित किये गये है जिसका किसान भाई लाभ उठा सकते है। श्री श्रीवास्तव ने शासन द्वारा कम्बाइन हार्वेस्टर से फसल काटने के साथ उसमें सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाये जाने के शासन के निर्देश से अवगत कराया। उन्होने बताया कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि यदि कोई कम्बाइन संचालक बिना एस0एम0एस0 के फसल की कटाई करता है तो उसकी कम्बाइन मशीन सीज कर दी जायेगी।
श्री उमेश उत्तम, जिला उद्यान अधिकारी हमीरपुर ने बताया कृषकों की आय बढ़ाने हेतु पाॅली हाउस आदि की जानकारी दी कि 1000 वर्ग मी0 पर पाॅली हाउस बनवाने के लिए 9.50 लाख खर्च आता है जिस पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। मधुमक्खी पालन हेतु कृषकों को 50 बाक्स लेने पर 88000 का अनुदान दिया जाता है जिसे कृषक मधुमक्खी पालन कर 2.50 लाख रू0 प्रतिवर्ष की आमदनी हो सकती है।
डा0 राकेश कुमार उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी हमीरपुर ने बताया कि पशुओं मे होने वाली बीमारी गला घोटू, खुरपका, मुहपका आदि रोगो से बचाने के लिए उनका समय से टीकाकरण तथा पशुओं को खान-पान की व्यवस्था साफ सुथरी होनी चाहिए जिससे पशुओं में बीमारी न हो।
डा0 मुस्तफा अध्यक्ष कृषि विज्ञान केन्द्र कुरारा ने अपने सभी वैज्ञानिकों के साथ उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होने कृषकों को बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र ्र कुरारा में नई-नई तकनीको से उन्नतशील बीजों का उत्पादन कर किसानों को प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया जाता है। महिला कृषि वैज्ञानिक डा0 फूल कुमारी ने पोषण वाटिका पर महिला कृषकों को संतुलित भोजन की जानकारी देते हुए बताया कि किचन गार्डेन के माध्यम से सब्जी उत्पादन करने हेतु प्रोत्साहित किया। अन्य वैज्ञानिकों द्वारा कृषकों की तकनीकी समस्याओं का समाधान किया गया।
श्री हरीओम मिश्रा, सहायक अभियन्ता लघु सिचाई, श्री ऋषेन्द्र द्विवेदी ने किसान के्रेडिट की व्यवस्था पर, श्री आकाश चैबे, क्षेत्रीय अधिकारी इफको, श्री बलराम दादी एवं मिथुन राजपूत प्रगतिशील कृषक ने अपने अनुभव विस्तार से बतायें।
कार्यक्रम का संचालन डा0 जी0के0 द्विवेदी द्वारा किया गया।

उप कृषि निदेशक

रिपोर्ट :- हरिश्चंद्र राजपूत

मो० :- 9452556725,7905083830

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