-राजातालाब स्टेशन के पास मंदिर के चौखट पर नवजात छोड़े गए बेटे का मामला,
वाराणासी: रोहनियां/ राजातालाब (14/01/2021) कस्बे के राजातालाब रेलवे स्टेशन के सामने स्थित शीतला मंदिर के चौखट पर बुधवार भोर में नवजात लड़के की किलकारियां गूंजी। किसी निर्दयी मां ने अल सुबह जब मंदिर के चौखट पर अपने कलेजे के टुकड़े को छोड़ा तो लोगों ने बच्चे के रोने की आवाज़ को सुना और देखा कि मंदिर के चौखट पर लावारिस मासूम बच्चा है। पास की बाल करन राजभर की पत्नी ने चाइल्ड लाइन और पुलिस को सूचना दिए बग़ैर अपने पास रख कर बच्चे की देखभाल करने लगी। इसकी जानकारी मिलने पर स्थानीय निवासी एक्शन एड के ज़िला समंयक राजकुमार गुप्ता ने चाइल्ड लाइन और पुलिस को सूचना दी तत्पश्चात् पुलिस और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम ने बच्चे को संबंधित परिवार से माँगा नहीं देने पर बुधवार रात 11 बजे रेस्क्यू करके बच्चे को चाइल्ड लाइन लाया गया। स्वास्थ्य जांच में बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। चाइल्ड लाइन को सूचना देकर राजकुमार गुप्ता ने अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए उस नवजात शिशु की जान बचाई।
अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। इस बच्चे को गोद लेने के लिए कुछ लोगों ने राजकुमार और चाइल्ड लाइन से संपर्क भी साधा है।
अस्पताल और चाइल्ड लाइन के पालना गृह में नवजात को छोड़ना कानूनी रूप से सुरक्षित: राजकुमार ने बताया कि चाइल्ड लाइन सिगरा और सरकारी अस्पतालों में बनाए गए पालना गृह में नवजात को छोड़ना कानूनी रूप से सुरक्षित है। झाड़ियों या नाले में फेंकने की बजाय नवजात को जिला अस्पताल या चाइल्ड लाइन के पालना गृह में छोड़ दे ताकि इनके देखरेख की जिम्मेदारी अस्पताल और चाइल्ड लाइन की रहती है। और नवजात को किसने और क्यो छोड़ा इसको लेकर कोई पूछताछ भी नही होती है। नवजात को फेंकना हत्या का प्रयास करना है।
अमूमन नवजात बच्चियों को लावारिश अवस्था में फेंकने की घटनाएं तो सामने आती है लेकिन बुधवार अल सुबह की घटना झकझोर देने वाली थी। एक निर्दयी मां ने अपने नवजात के बेटे को हाड़ कँपाती ठंड में मंदिर में छोड़ दिया। उस मां का कठोर दिल ही होगा, जिसने अपने कलेजे के टुकड़े को इस भीषण कड़कड़ाती ठंड में मंदिर में छोड़ दिया। हालांकि अनचाहे नवजात को उक्त मंदिर में छोड़ देने और राजकुमार के प्रयास से उसे नया जीवन मिल गया। अक्सर सामने आता है कि लोकलाज में कई परिजन अनचाही संतान को लावारिश छोड़ जाते हैं जो देखभाल के अभाव और समय पर उपचार नही मिलने से दम तोड़ देते हैं। ऐसे शिशुओं के सुरक्षित भविष्य व उनके पालन पोषण के लिए राजकीय जिला स्तरीय अस्पताल और चाइल्ड लाइन में पालना गृह चलाया जाता है।
बाल अधिकार संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहे राजकुमार ने की थी अपील, नवजात को कचरे व झाड़ियों में न फेंके पालना गृह में नवजात को छोड़ने की अपील की थी। नवजात को झाड़ियो या नाले में फेंकने के बजाय पालना गृह में छोड़ दे ताकि मासूमों की जान बचाई जा सके। इसके लिए पालना गृह बनाया गया है। रेस्क्यू में चाइल्ड लाइन से संतोष दुबे, संगीता भारती व राजातालाब चौकी प्रभारी संतोष कुमार यादव मय पुलिस बल के साथ मौके पर उपस्थित रहकर काफी प्रयास के बाद 11:30 बजे रात बच्चे को रेस्क्यू कर चाइल्डलाइन कार्यालय लाया गया।
धन्यवाद
द्वारा
राजकुमार गुप्ता
वाराणासी