इस साल राज्य वित्त से मिले 25.52 करोड़ में 22.08 करोड़ सरकारी खाते में बचे शासन से लेटलपेट आए 15वें वित्त के 12 करोड़ में 1.20 करोड़ ही खर्च हो सके
रायबरेली : जिला पंचायत को शासन की ओर से इस वित्तीय वर्ष राज्य और 15वां वित्त में 37.52 करोड़ का बजट मिला। इसमें से 23.28 करोड़ खर्च हो गए। जबकि, 14.24 करोड़ रुपये अब भी सरकारी खाते में है, जिसे जिपं अध्यक्ष खर्च नहीं कर सके। अब प्रशासन इसे अपने स्तर से विकास कार्यों के भुगतान में खर्च करेगा।
जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश सिंह का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। पांच साल के इस कार्यकाल का 2020-21 उनके लिए अंतिम वित्तीय वर्ष रहा। इसमें विकास कार्यों की खातिर राज्य वित्त से 255299000 और 15वां वित्त से कुल 12 करोड़ का बजट मिला था। राज्य वित्त से तो 220860000 रुपये खर्च हो गए। जबकि 15वां वित्त के 12000000 रुपये ही अध्यक्ष विकास में लगा सके। इस तरह 142439000 करोड़ की धनराशि जिपं के खाते में पड़ी है, जिसे अध्यक्ष खर्च नहीं कर पाए। शेष बचे बजट में 108000000 रुपये 15वां वित्त के हैं। जबकि राज्यवित्त का 34439000 रुपये ही बचा है। अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद शासन के निर्देश पर डीएम वैभव श्रीवास्तव ने यहां बतौर प्रशासक कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उनकी देखरेख में ही जरूरत के हिसाब से विकास कार्यों पर यह धनराशि खर्च की जाएगी।
15वें वित्त के बजट के लिए मिला कम समय
कार्यकाल समाप्त होने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष की ओर से कोई भुगतान नहीं किया गया है। जो बजट शेष बचा है, उसे जिलाधिकारी के दिशा निर्देशन में विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा। उनके द्वारा ही इनके भुगतान भी किए जाएंगे।
गांवों को चमकाने में 15वें वित्त के बजट की मदद लेने का मौका ही जिपं अध्यक्ष को नहीं मिला। क्योंकि, वित्तीय वर्ष के आठ महीने बाद सितंबर में यह शासन से उपलब्ध कराया गया था। इसके बाद 13 जनवरी को कार्यकाल पूरा हो गया। देखा जाए तो तीन महीने का समय ही मिला। यही वजह है कि इस मद का 10 करोड़ 80 लाख रुपये सरकारी खाते में पड़ा रह गया।
जीके सिंह (अपर विकास अधिकारी)जिला पंचायत
रिपोर्ट अभय प्रताप सिंह