कमिश्नर ने मथना खेड़ा गांव पहुँचकर कोरोना संक्रमित लोगों का हालचाल जाना, गांव वालों से भी किया संवाद

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रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी

बाँदा।—कोरोना के संक्रमण को रोकना बहुत जरूरी है उसके लिए जागरूक और लोगों में विश्वास पैदा करना बहुत जरूरी है इसके तहत अपने मंडल के चारों जिलाधिकारियों को कहा कि प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर एक अधिकारी को नामित करके मजिस्ट्रेट बना दे और वह अपने न्याय पंचायत के सभी गांव में देखें जो निगरानी समिति है अच्छी तरह से काम करें घर घर जाएं जिनको कोई भी लक्षण हो तत्काल उनको चिन्हित करके उनकी जांच कराएं अगर वो पॉजिटिव है उनका तत्काल इलाज शुरू करें अगर नेगेटिव है तो वह अपने घर में रहे।
जनपद में कोई बेड की कमी नहीं है हमारे पास 1600 बेड है जिसमें करीब 900 से 1000 बेड खाली रहते हैं बस विनती इतनी है किसी को कोई लक्षण महसूस हो वे तत्काल अपनी जांच करा ले और अपने घर में आइसोलेट हो जाएं जब तक रिजल्ट ना आ जाए।
एंटीजन की जांच होगी तो तत्काल रिजल्ट आएगा अगर पॉजिटिव होगा तो तत्काल दवा दी जाएगी 10 दिन की और वह खाना शुरू कर दें कोई दिक्कत नहीं होगी। होम आइसोलेशन में कोई कठिनाई है तो तत्काल हमारे कोविड कंट्रोल रूम के नंबरों को फोन करें सांस लेने में कोई दिक्कत हो तत्काल हमारे जिला अस्पताल मैं आकर एडमिट हो जाए। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है बेड की कोई कमी नहीं है इलाज करके ठीक हो जाएंगे।
इसी को देखते हुए कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह ने आज बाँदा से सात किलोमीटर दूर अतर्रा रोड स्थित मथना खेड़ा गांव में पांच कोरोना संक्रमित के यहाँ गए यह पांचों लोग घरों में आइसोलेट है जिनके परिवार के लोगों से मिलने गए वहां गांव वालों से संवाद किया और सब को विश्वास दिलाया की सरकार में कोई कमी ना तो दवा की ना तो बेड की ना तो ऑक्सीजन की सभी व्यवस्थाएं बांदा मंडल में पर्याप्त व्यवस्था है डरने की कोई जरूरत नहीं है मुझे खुशी है पांचों हो आइसोलेशन में लोग हैं वह स्वस्थ हैं मुझे इस बात की भी खुशी है कि आशा घर घर जा रही हैं और लोगों को चिन्हित कर रही हैं जो लोग संदिग्ध है उन लोगों की जांच करा रही हैं जांच कराने में 52 आने पर उनके इलाज की व्यवस्था हो रही है।
इस मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी एनडी शर्मा भी साथ रहे ।

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