रिपोर्ट- सुधीर त्रिवेदी
बाँदा— कोविड काल मे मीटिंगबाज डीएम और प्रशासनिक कार्यशैली की पोल खोलने वाले कर्मचारी को डीएम के आदेश पर तत्काल प्रभाव से सस्पेन्ड कर दिया गया, शिक्षा विभाग मे सहायक अध्यापक पद पर तैनात इस कर्मचारी की ड्यूटी आजकल डीएम कार्यालय मे कोविड मरीजों की समस्यायें जानने और उनसे सम्पर्क कर समस्याओं के निदान पर लगाई गयी है, मंगलवार को कोविड संक्रमण से जूझ रहे एक मरीज के तीमारदार को इस कर्मचारी ने साफ बोल दिया कि वे प्रशासन के भरोसे न रहें, मरीज का खुद ध्यान रखें, यहां कोई सुनने वाला नही है, अधिकारी बने बैठे हैं, हमें खुद समझ मे नही आ रहा, हम क्या करें ! लोगों की परेशानियां सुनकर कम्पलेन्ट करते हैं, पर कोई सुनवाई न हो तो हम क्या कर सकते हैं ?
बांदा शहर के बाबूलाल चैराहा स्थित काली देवी मंदिर के पुजारी परिवार की महिला गीता पुष्पक को कोरोना संक्रमण की वजह से दो दिन पहले यहां के जिला अस्पताल मे एडमिट कराया गया था, किसी आफिसर से फोन कराने पर मरीज को आक्सीजन तो मिल गयी, किन्तु जान बचाने के लिये गीता को बाहर लेकर भागना पड गया।
ड्यूटी मे तैनात टीचर विमल गुरुदेव ने मंगलवार को मरीज का हालचाल जानने के लिये फोन किया तो गीता का तीमारदार जिला प्रशासन की कार्यशैली को लेकर फट पडा, बोला- आपके जिलाधिकारी लाशों के ढेर लगाये बैठे हैं, कोई सुनने वाला नहीं है, डाक्टर कर्मचारी किसी की नहीं सुन रहे, डिस्ट्रिक हास्पिटल से लेकर मेडिकल कालेज तक सब मनमानी कर रहे हैं, लोग तडप-तडप कर मर रहे हैं।
तीमारदार की बात सुनकर डीएम आफिस मे कोविड ड्यूटी मे तैनात विमल गुरुदेव ने अफसोस जताते हुये कहा कि हम आप लोगों की समस्यायें नोट करते हैं, डीएम साहब को फारवर्ड करते हैं, कोई कुछ न करे तो हम क्या कर सकते हैं ? हम लोग ईमानदारी से ड्यूटी निभा रहे हैं।
जैसे ही कर्मचारी और तीमारदार की बातचीत का आडियो वायरल हुआ, प्रशासनिक अधिकारियों मे हडकंप मच गया, बीएसए को तलब किया गया और कोबिड ड्यूटी मे लगाये गये टीचर विमल गुरुदेव को निलंबित कर दिया गया।