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तीन महीने कोरोना की दूसरी लहर के कारण बंद रहा अमावस्या मेला
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मंगलवार को मप्र क्षेत्र के अधिकारी करेंगे संतों के साथ बैठक
रिपोर्ट : संदीप रिछारिया
चित्रकूट। धर्मनगरी के प्रमुख पर्व 10 जून को अमावस्या पर्व को आयोजित होने की खबर के बाद लोगों में उत्साह दिखाई दे रहा है। सोमवार की दोपहर डीएम शुभ्रान्त कुमार शुक्ल ने कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में आयोजित बैठक में महंतों व संतों की मौजूदगी में बैठक कर साफ किया कि अब कोरोना की दूसरी लहर समाप्ति की ओर है। पूरे जिले में कुल 30 सक्रिय मरीज ही हैं। किसी की हालत क्रिटिकल नही है। इसलिए अमावस्या पर्व पर होने वाले मेले को आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोरोना का प्रभाव कम हुआ है, खत्म नही हुआ है, लिहाजा सभी को दोगज दूरी और मास्क है जरूरी का पालन जरूर करना होगा, अन्यथा जुर्माना हो सकता है।
डीएम ने कहा कि विगत वर्षों आयोजित हुई उक्त अमावस्या में राम घाट स्थित मां मंदाकिनी गंगा में स्नान के बाद महाराजधिराज मतगयेन्द्नाथ शिव मंदिर में जलाभिषेक व भगवान कामदगिरि के दर्शन एवं परिक्रमा तथा जनपद के अन्य धार्मिक स्थलों पर दर्शन पूजन हेतु लगभग 8 से 9 लाख की संख्या में श्रद्धालुओं का आवागमन भीड़ होती रही है। परंतु कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने एवं बचाव के उद्देश्य से शासन के निर्देशानुसार मेला संपंन कराया जाएगा। जिलाधिकारी ने कहा कि पांच से ज्यादा लोग इकट्ठे न हो, मास्क अवश्य लगाएं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें, उन्होंने साधु महात्माओं से भी अनुरोध किया कि इस महामारी से लड़ने में अपना सहयोग करें तथा इसका प्रचार प्रसार पेपर के माध्यम से कराया जाए। उन्होंने नगर पालिका से कहा कि भरत मिलाप स्थल तथा संपूर्ण मेला क्षेत्र पर साफ-सफाई की ब्यवस्था अच्छी तरह से होनी चाहिए। परिक्रमा मार्ग में जलेबी वाली गली के चैड़ीकरण के कार्य को लेकर स्थानीय लोगों की जो समस्याएं हों उनसे वार्ता करते हुए निस्तारण कराया जाएगा। पर्यावरण की स्थिति की स्थिति को देखते हुए तीर्थ क्षेत्र की सुंदरता बनी रहनी चाहिए। अधिशासी अभियंता जल संस्थान को निर्देश दिए कि मेला क्षेत्र में निरंतर पेयजल की सप्लाई जारी रहे इसके साथ ही विद्युत व्यवस्था भी निर्बाध रूप से रहे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी से कहा कि जहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं लगाई जाती थी वहां पर लगाया जाए इसके अलावा खोया पाया केंद्र आदि सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ले। उन्होंने सेक्टर तथा जोनल मजिस्ट्रेट को भी निर्देश दिए कि मेला के दौरान जिन लोगों को तैनात किया गया है वह अपने पुलिस अधिकारियों के साथ तैनाती स्थल पर रहकर कार्य करें।उन्होंने अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद कर्वी, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी, प्रभारी निरीक्षक थाना भरतकूप, कर्बी तथा चैकी प्रभारी सीतापुर को निर्देश दिए कि शासन के निर्देशों के अनुपालन में कोरोना संक्रमण को रोकने नियंत्रित करने के उद्देश्य से 10 जून अमावस्या के अवसर पर जनपद चित्रकूट उत्तर प्रदेश स्थित सीतापुर, रामघाट, कामदगिरि परिक्रमा मार्ग, भरतकूप तथा अन्य स्थलों से भीड़ भाड़ को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। इस जनपद के संत, महात्माओं, धर्म गुरुओं को अपने स्तर से सूचित कराते हुए अनुपालन सुनिश्चित कराएं तथा श्रद्धालु से अपील करें कि वह अपने अपने घर में ही रह कर पूजा अर्चना करे इस महामारी को देखते हुए अमावस्या मेला में आने की आवश्यकता नहीं है।ं अपर जिलाधिकारी जी पी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र कुमार राय, अपर उपजिलाधिकारी आकांक्षा सिंह, प्रमेश श्रीवास्तव, जिला पंचायत राज अधिकारी राजबहादुर, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर शीतला प्रसाद पांडेय, पर्यटन अधिकारी शक्ति सिंह, अधिशासी अभियंता जल संस्थान एस के मिश्रा, सहित व भरत मंदिर दिगंबर अखाड़ा के महंत दिव्यजीवन दास,संत मदनगोपालदास, भरत मिलाप परिक्रमा मार्ग के महंत राम मनोहर दास, मत्गयेद्रनाथ मंदिर के पुजारी प्रदीप तिवारी सहित अन्य संत महात्मा उपस्थित रहे।
श्रीकामदगिरि परिक्रमा उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में है। इसका आधा भाग उप्र व आधा मप्र में हैं। 1 जून से मप्र में कोरोना कर्फयू को समाप्त कर रोटेशन पद्वति से बाजार को सुबह सात बजे से शाम 7 बजे तक खोला जा रहा है। मंदिरों में पांच लोगों के प्रवेश के साथ दर्शनों की अनुमति है। उप जिलाधिकारी मझगवां पीएस त्रिपाठी ने बताया कि अमावस्या पर पांच लोगों की अनुमति के साथ अमावस्या मेला का संचालन किया जाएगा।