प्रिय बच्चों, जिस प्रकार किसान उपज के लिए कृषि कार्य करता है, मजदूर मजदूरी करता है, दुकानदार दुकानदारी करता है, चालक गाड़ी चलाता है, सभी कर्मी अपने कर्म के प्रति वफादार रहते हैं, औऱ 100 प्रतिशत अपने कार्य में योगदान देते हैं, कड़ी धूप में रिक्शाचालक अपनी रोजी रोटी के लिए कार्य करते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि मैं कार्य नही करूँगा तो रोटी मुझे नहीं प्राप्त होगी, इस प्रकार बिद्यार्थी को अपने जीवन का एक, एक छड़ पढ़ाई के लिए उपयोग करना चाहिए, तभी आप सब अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे।कड़ी धूप में सभी लोग अपनी ईमानदारी से मेहनत करते हैं तो उन्हें दो जून की रोटी नसीब होती हैं, इसी प्रकार विद्यार्थी को भी दिन एक रात करके मेहनत करते हुए पढ़ाई करना चाहिए अन्यथा जीवन तो पशु भी बिता रहे हैं, समाज में अपनी बात साफ, साफ रखें।जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को कठोर तपस्या करना चाहिए, सभी बिद्यार्थी अपने माँ बाप का चेहरा देखे और महसूस करे कि आपके मम्मी पापा आपके लिए कितना मेहनत करते हैं यह शोचने के बाद आप सबका मन गलत कार्य में कभी भी लगेगा ही नहीं।कम उम्र में ही लोगो ने इतिहास रचा है छड़ीक बातो में ध्यान ना लगाते हुए अपना सम्पूर्ण ध्यान पढ़ाई पर लगायें, बिना शिचित हुय आप कुछ नहीं कर सकते शिक्षा उस शेरनी का दूध है जिसे पी कर मनुष्य सम्पूर्णता को प्राप्त कर सकते हैं शिचित बने संगठित बने संघर्ष शील बने।
– विकास सर