मोदी वेलकम इन चित्रकूट

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भले पधारे जू,, अभी तुमको जी भर के देखा नही है

संदीप रिछारिया
(सीनियर एडीटर)

चित्रकूट । सदियों से पीड़ित मानवता के लिए चिंतन और चर्चा के साथ ही समाज हित में कार्य करने वाली चित्रकूट की पावन धरा आज प्रफुल्लित है। आखिर बाबा भोले व मां गंगा के पुत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चित्रकूट के अधिष्ठाता देव देवाधिपति महाराजाधिराज स्वामी मत्तगयेन्द्र नाथ महराज की के राज्य में पधार रहे हैं। यह बात और है कि वह उनके मंदिर में शसरीर नही पहुंच पा रहे हैं। लेकिन फिर भी आयोजन स्थल पर पर्यटन विभाग द्वारा बनाई गई प्रदर्शनी पर लगी फोटो को देखकर वह उनका दर्शन करेंगे। यह बात दीगर है कि उनके यहां पर केवल डेढ घंटे के लिए आने पर स्थानीय तौर पर लोगों की जुवां पर एक ही गीत निकल रहा है और वह है ‘ अभी तुमको जी भर के देखा नही है‘। इस गीत के यथार्थ भी यहां पर साफ दिखाई देते हैं। लोगों का कहना है कि अब चित्रकूट की धरती पर आकर यहां का नक्शा बदलने वाले भारत रत्न राष्ट्रऋषि नाना जी देशमुख नहीं रहे। अन्यथा मोदी जी अपने दूसरे कार्यकाल में बतौर प्रधानमंत्री न आते, वे अभी तक कई बार चित्रकूट के चक्कर मार चुके होते।

स्थानीय लोग आज नाना जी को याद कर रहे हैं। मझगवां व गनीवा के कृषि शोध संस्थान, आरोग्य धाम, वनवासी आदिवासी विद्यालय, रामदर्शन, सियाराम कुटीर सहित अन्य उन स्थानों के लोगों के अंदर टीस है कि अगर नाना जी आज होते तो मोदी जी का चित्रकूट दौरा एक दो घंटे का नहीं अपितु एक दो दिनों का होता। वह यहां पर आकर न केवल आम लोगों से मिलते, बल्कि बच्चों और संतों से भी मुलाकात कर सबसे हाल चाल लेते।

चित्रकूट की धरती सदियों से राजनैतिक व आर्थिक तौर से उपेक्षित है। यहां पर आकर राजनेता चिंतक करना तो मुफीद मानते हैं। बड़ी बड़ी बातें भी करते हैं, यहां से जाने के बाद कुछ दिनों तक चित्रकूट को याद रखते हैं, पर करते कुछ नही है। यह बात दीगर है अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार चित्रकूट आए प्रधानमंत्री के पास इस धरा को देने के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे और डिफेंस काॅरीडोर जैसी जादू की छड़ियां हैं, जो आने वाले समय में चित्रकूट जले को देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी एक बड़ी पहचान देंगी। पीने का साफ पानी हर घर तक पहुंचाना भी एक बउ़ा काम है। बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए यह बड़ी योजना जब धरातल पर उतरकर लोगों के हलक को तर करेंगी तो वास्तव वह संजीवनी ही सि़द्ध होगी। किसानों के पोषण के लिए भी काफी सराजाम इकटृठा किया जा रहा है।

प्रशासन के अधिकारी सीधे तौर पर कहने से बच रहे हैं लेकिन इतना साफ है कि प्रधानमंत्री की नेमतों के पिटारे में इन तीन योजनाओं के अलावा भी बहुत कुछ है, जिसका खुलासा वह स्वयं करेंगे। जैसा कि सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री न केवल एक कुशल राजनेता है, बल्कि उससे बढ़िया वह एक एक अच्छे शिक्षक, मार्गदर्शक हैं। ऐसे में अभी चित्रकूट उनके बहुत कुछ आशाएं करता है।

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