कोरोना से डर नहीं लगता साहब-माॅस्क से लगता है

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राकेश कुमार अग्रवाल

बरेली से आई एक खबर ने फिर से बुरी तरह डरा दिया . बात है भी डरने की . बरेली के बैंक ऑफ बडौदा की स्टेशन रोड शाखा में अपनी पासबुक अपडेट कराने गए रेलवे के टेलीकाॅम विभाग में टेक्नीशियन राजेश कुमार मास्क नहीं लगाए थे . जिस पर राजेश को बैंक के सुरक्षा गार्ड केशव प्रसाद मिश्रा ने अंदर नहीं आने दिया . राजेश थोडी देर बाद मास्क लगाकर जब वापस बैंक आया तो गार्ड की राजेश से जमकर नोंकझोंक हो गई . गार्ड का कहना था कि अब लंच का समय हो गया है . नोंकझोंक इतनी बढी कि गार्ड केशव प्रसाद मिश्रा ने अपनी दोनाली बंदूक से फायर कर दिया गोली राजेश की जांघ में लगी . राजेश बैंक के अंदर ही लहूलुहान होकर गिर पडा . आनन फानन में राजेश को हास्पिटल ले जाया . पुलिस ने आरोपी गार्ड को गिरफ्तार कर लिया है .

माॅस्क की सख्ती को लेकर बरेली में घटी यह कोई पहली घटना नहीं थी . देश के तमाम शहरों में कहीं पुलिसकर्मियों ने पत्नी के सामने पति की जमकर पिटाई की तो कहीं पर बेटी के सामने मां को बाल पकडकर लुटा लुटाकर जमकर पीटा . और तो और प्रशासनिक अधिकारी भी पूरी रौ में दिखे . देश में तमाम जगहों पर अधिकारियों ने भी पुलिस की तरह जमकर हाथ व डंडे चलाए .

दिल्ली में तो एक महिला का मास्क चैकिंग को लेकर पुलिस से भिडने का वीडियो जमकर वायरल हुआ था . हालांकि पुलिस की सख्ती के बाद अगले दिन महिला के तेवर ढीले पड गए थे .

दो गज की दूरी और माॅस्क है जरूरी का फरमान का पालन न करने पर अर्थ दंड का प्रावधान किया गया है . पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के पास चालान काटने का अधिकार दिया गया है . मुम्बई नगर निगम नेे तो माॅस्क न लगाने वाले लोगों के चालान काट कर 58 करोड का जुर्माना वसूल डाला . अप्रैल 2020 से 23 जून 2021 के बीच 449 दिनों में नगर निगम , रेलवे व पुलिस ने मिलकर 58 करोड का जुर्माना ठोका है .

मेरे लिए माॅस्क हमेशा से कौतुहूल का विषय रहा है . केवल बडे बडे सुपर स्पेशियलिटी और मल्टी स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल में विशेष तौर पर ऑपरेशन थियेटरों में डाॅक्टरों और उनके सहयोगियों को माॅस्क लगाए देखा है . लेकिन कोरोना ने तो हर किसी को उसी तरह माॅस्क लगवा दिया जिस तरह एक जमाने में इलेक्ट्रिकल उपकरण कंपनी का विज्ञापन बल्ब बदलने के लिए कहता था कि सारे घर के बदल डालूंगा . लोगों के पास जितनी संख्या में कच्छा , बनियान , रूमाल और हैंकी नहीं हैं उससे कहीं ज्यादा माॅस्क हो गए हैं . अब तो डिजायनर व मैचिंग मास्क का जमाना आ गया है . पूरा बाजार लोगों को कोरोना से बचाने के लिए सवा साल से मास्क बनाने में जुटा हुआ है . कंपनियां , फैक्ट्रियां और तमाम स्वयंसेवी संगठन के अलावा तमाम संस्थायें भी बिना किसी एक्सपर्टाइज के धडल्ले से मास्क बना रही हैं .
जबसे कोरोना से बचाव के लिए माॅस्क को सबसे कारगर बताया गया तब से मास्क बाजार में बूम आ गया . 2019 – 2020 के बीच में महामारी के दौरान दुनिया में करोडपतियों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है . अकेले अमेरिका में ही 10 लाख डालर से अधिक कमाई वाले लोगों की संख्या 17 लाख 30000 को लांघ गई है . जर्मनी में भी 633000 करोडपति बढ गए हैं . अब कोरोना की संभावित तीसरी लहर ने लोगों को डरा रखा है . जिस कारण नन्हे मुन्ने बच्चों के चेहरे भी मास्क से ढक गए हैं . हालांकि बडी जमात ऐसी भी है जो मास्क लगाने से परहेज करती है . शासन – प्रशासन की सख्ती , सरे राह बेइज्जत होने , और चालान कटने से बचने के लिए जरूर लोगों ने मास्क लगाना शुरु कर दिया है . शुरुआत में जो एन 95 मास्क पांच पांच सौ रुपए में बेचे गए आज 30- 50 रुपए में बिक रहा है . जबकि सबसे ज्यादा बिकने वाला मास्क की कीमत थोक में एक रुपए से भी कम है . क्या ये मास्क कोरोना वायरस से बचाव में कारगर हैं भी ? यह भी एक बडा सवाल है . क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन तो बहुत पहले एन 95 मास्क की उपयोगिता पर संदेह जता चुका है . आजकल नया ट्रेंड डबल माॅस्क का ठीक उसी तर्ज पर चल रहा है जिस तर्ज पर टूथपेस्ट कंपनी वाले सोने से पहले व जागने के बाद दो बार ब्रश करने की सलाह देने लगे हैं . उसी तरह डबल मास्क का ट्रेंड शुरु हो गया है . एक तरह से कोरोना और इंसान का छापामार युद्ध चल रहा है . तीसरी लहर का साया अलग से मंडरा रहा है . तभी तो कहा जा रहा है कि कोरोना से डर नहीं लगता साहब ! मास्क से जरूर लगता है . हर चेहरे पर मास्क को देखकर वायरस भी मतिभ्रम का शिकार होगा कि अब किसको शिकार बनाऊँ . हो सकता है कोरोना वायरस भी इंसान के चेहरे पर मास्क को देखकर खुद भी डर जाता हो .

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