सहायक अध्यापिका पर मारपीट का आरोप

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मौदहा हमीरपुर। क्षेत्र के गांव अरतरा के एक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका ने बीएसए को शिकायती पत्र देते हुए साथ मे तैनात सहायक अध्यापिका पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है।
विकासखंड क्षेत्र के बड़ी आबादी वाले गांव अरतरा के प्राचीन प्राथमिक विद्यालय में बीती 4 अप्रैल को बीएसए के हुए निरीक्षण के दौरान विद्यालय में साफ सफाई, मिडडे मिल के भोजन में गड़बड़ी व विद्यालय में छात्र संख्या कम होने के कारण प्रधानाध्यापिका दिलशाद बानो को विद्यालय की व्यवस्थाओं को लेकर बीएसए ने लताड़ लगाई थी, जिसके बाद प्रधानाध्यापिका द्वारा विद्यालय की सहायक अध्यापिकाओं पर व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने को लेकर नोकझोंक भी हुई थी।जानकारी करने पर मालूम हुआ की प्रधानाध्यापिका व सहायक अध्यापिका काजल गुप्ता की आपस मे नही बनती थी जिसके कारण दोनों में आये दिन नोकझोंक होती रहती थी, मगर 4 तारीख के निरीक्षण के बाद हुई तू तू मैं मैं काफी हद तक बढ़ गई और जब प्रधानाध्यापिका से इस बाबत जानकारी की गई तो उन्होंने अपनी सहायक अध्यापिका काजल पर मारपीट करने का भी आरोप लगाया हालांकि जब काजल से बात की गई तो उन्होंने इसे मनगढ़त कहानी बनाते हुए कहा कि प्रधानाध्यापिका की बातचीत अच्छी नहीं है और गलत शब्दों का प्रयोग करती है जिसके कारण नोकझोक जरूर हुई थी मगर मारपीट नही हुई है ये मुझे फ़साने की साजिश है तो वही दूसरी सहायक अध्यापिका सपना ने भी काजल की सही बताते हुए कहा की प्रधानाध्यापिका से विवाद हुआ था मगर मारपीट नही हुई है तो वहीं गांव के अभिभावक नारायण बाबू पुत्र पंचा द्वारा द्वारा भी एक साक्ष्य पत्र देकर बताया था की मारपीट की घटना के समय वह वहीं मौजूद था और उसने काजल द्वारा दिलशाद को मारते हुए देखा था, मगर इस घटना के संबंध में जब प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी प्रभाकर सिंह गौतम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि घटना 12 मई की है और हमें शिकायती पत्र 13 मई को प्राप्त हुआ था जिस पर मारपीट कि आरोपित सहायक अध्यापिका काजल सहित बीच-बचाव करने वाली संगीता व सपना को इस आशय से नोटिस दिया गया था कि वह इस मामले के पूरे तथ्यों का स्पष्टीकरण दें परंतु लगातार तीन दिनों के अवकाश के कारण अभी किसी तरह की आगे की कार्यवाही नहीं की जा सकी है परंतु मंगलवार 17 मई को विद्यालय दिवस के दौरान इस मामले की जांच कर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। आपको मजे की बात बता दें की खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बताया गया कि घटना 12 मई की है मगर उपरोक्त अभिवावक को घटना का संज्ञान एक दिन पूर्व ही हो गया था क्योंकि उसने जो साक्ष्य पत्र दिया है उसमें 11 मई की तारीख पड़ी हुई है जिससे मामले में कहीं न कहीं संदिग्धता नज़र आती है, अब मामला वास्तव में क्या है यह तो जांच के बाद ही समझ आएगा।

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