(इसमें जल्द उचित निर्णय नहीं लिया गया तो “ऐप्रवा” परिवार पत्रकारों के साथ देशभर में करेगी आंदोलन और जाएगी न्यायालय।)
प्रयागराज, ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष, वरिष्ठ पत्रकार, आचार्य श्रीकान्त शास्त्री ने बताया कि प्रायः निम्न सभी मांगें उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के विभिन्न प्रदेशों में लागू किया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश में नहीं, यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है जहां एक देश एक कानून की बात होती हो, वही कुछ बेपरवाह, नौकरशाहो एवं नियम कानून विरोध लोगों द्वारा एक देश में दो कानून की स्थिति पैदा किया जा रहा है, जो बहुत ही दुखद है। तत्काल इस विषय पर उचित निर्णय नहीं लिया गया तो “ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन” परिवार न्यायालय का सहारा लेगा।
यहां शास्त्री जी के द्वारा यह भी बताया गया है कि कुछ लोग शरारत बस एवं सरकार को बदनाम करने की नियत से पत्रकारों के इन विभिन्न मांगों में रोड़ा बने हुए हैं। आचार्य जी द्वारा यह भी बताया गया कि उपरोक्त सभी मांगों के लिए “ऐप्रवा” परिवार की ओर से दशकों से प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अभी तक सरकारों द्वारा इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नहीं किया गया, जो बहुत ही चिंतनीय है और निंदनीय है।
शास्त्री जी द्वारा यह भी बताया गया कि निम्न सभी मांगों के सम्बन्ध में “ऐप्रवा” परिवार की ओर से बराबर जरिए रजिस्ट्री पत्र, ईमेल, सोशल मीडिया, अखबार, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से मुख्यमन्त्री, प्रधानमंत्री एवं अधिकारियों से मांग किया जाता चला आ रहा हैं। लेकिन पत्रकारों की मांगो को अभी तक ठंडे बस्ते में रखा गया है जो बहुत ही खेद का विषय है, जो समाज सबको उजाला दिखाता है उसी को अंधेरा मे रखा गया है, जो बहुत ही गंभीर विषय है।
शास्त्री जी ने मांग को दोहराते हुए कहां कि जिस प्रकार से हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, केरल, चेन्नई, असम, त्रिपुरा, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश आदि एक दर्जन से अधिक राज्यों में उपरोक्त प्रायः मांगे लागू किया गया है, उसी प्रकार से उत्तर प्रदेश सहित अन्य वंचित प्रदेशों के पत्रकारों के लिए सभी मांगो को स्वीकार करते हुए एक देश एक कानून का नियम लागू किया जाए, साथ ही ऐसे महत्वपूर्ण विषय में उपरोक्त प्रदेशों से जिस प्रकार उत्तर प्रदेश को पिछडा बनाया गया है, यह बहुत ही विचारणीय एवं निंदनीय विषय है, जो प्रदेश सबसे बड़ा और समृद्ध हो उसको इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया गया है जो उसके मर्यादा के विपरीत है। इसको आगे करने के लिए एवं इस खाई को भरने के लिए निम्न मांगो को तत्काल लागू करने का निर्देश देकर इस विषय में पिछड़ा प्रदेश को उपरोक्त प्रदेशों की श्रेणी में खड़ा किया जाए, नहीं तो ऐप्रवा परिवार इस विसंगति से निपटने के लिए और न्याय पाने हेतु पत्रकारों की बात को माननीय न्यायालय में रखेगा।
ऐप्रवा परिवार द्वारा पत्रकारो के हिर्तार्थ निम्न मांगे की गयी है,
1- पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर इसे लागू किया जावें।
2- पत्रकारों को रेल भाड़े में मिलने वाली छूट एवं अन्य सुविधा जो कोरोना काल में स्थगित की गई थी उसे तत्काल बहाल की जावें।
3- सीनियर सिटीजन की तर्ज पर सभी पत्रकारों के लिए “रेलवे” सीट आरक्षण में कोटा निर्धारित होना चाहिए, ताकि पत्रकार सुविधजनक यात्रा कर सकें, इसमें किसी बजट आदि की भी आवश्यकता नही है, इस व्यवस्था को तुरंत लागू किया जावें।
4- देश के सभी सरकारी अस्पतालों में सभी पत्रकारों को निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जावें, इसके लिए पत्रकारों को चिकित्सा कार्ड जारी किए जावें।
5- देश में हरियाणा, मध्यप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल, त्रिपुरा, चैन्नई, केरल, आंध्रप्रदेश, असम, उड़ीसा, झारखंड आदि एक दर्जन से अधिक राज्यों में जिस प्रकार से वरिष्ठ पत्रकार सम्मान पेंशन दिया जा रहा है, उसी प्रकार से एक देश एक कानून के तर्ज पर उत्तर प्रदेश के साथ बचे अन्य प्रदेशों के भी पत्रकारों को वरिष्ठ पत्रकार सम्मान पेंशन दी जाने की महती कृपा की जावे।
आचार्य श्रीकांत शास्त्री जी द्वारा पुनः बताया गया है कि ऐप्रवा परिवार द्वारा उपरोक्त निम्न मांगो को लागू करवाने हेतु प्रार्थना पत्र हर फोरम के माध्यम से भेजा जा चुका है, यदि इस बार भी निम्न मांगो को लागू करने के लिए आदेश नहीं हुआ तो, जिस प्रकार से पीसीआई के मनमानी एवं गड़बड़ झाले के खिलाफ तथा उ.प्र. प्रेस मान्यता समिति में जानबूझकर की जा रही देरी के विरुद्ध व पत्रकारों के अन्य समस्याओं के मामलों में “ऑल इंडिया प्रेस रिपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन” परिवार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दाखिल कर न्याय पाया गया है उसी प्रकार से इस प्रकरण में भी न्याय पाने हेतु न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा