निजी नर्सिंग होम बने लूट का अड्डा, पहले अबॉर्शन, फिर रेफर, आखिर में मरीज की मौत

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निजी नर्सिंग होम बने लूट का अड्डा और गरीबों की जान के दुश्मन

रायबरेली-रायबरेली में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही गरीबों की जान के दुश्मन और निजी नर्सिंग होम लूट का अड्डा बने हुए हैं जो ना तो स्वास्थ्य सुविधाओं के मानक को पूरा करते हैं और ना ही उन्हें प्रशासन का कोई खौफ है

आपको बताते चलें की ऐसा ही एक ताजा मामला नेहरू नगर स्थित फिनिक्स नर्सिंग होम मैं देखने को मिला पीड़ित के अनुसार उसने अपने पत्नी का अबॉर्शन (गर्भपात) एक आशा बहू के माध्यम से 10 हज़ार देकर करवाया था लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही से अबॉर्शन के दौरान कहीं कैंची या कोई अन्य औजार की वजह से उसे रक्त स्राव और दर्द होने लगा जिससे परिजन परेशान हो गए जब उन्होंने डॉक्टर से इसके बारे में बात की थी उन्होंने कहा कि अबॉर्शन का असर लगभग 36 घंटे तक रहता है परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है और पीड़ित महिला को और परिजनों को घर भेज दिया।

36 घंटे बीत जाने के बाद भी पीड़ित महिला को रक्त स्राव और दर्द से निजात नहीं मिला तो उसने रायबरेली जिला चिकित्सालय इमरजेंसी में दिखाया जिसकी बिगड़ी हालत देखकर जिला अस्पताल के डॉक्टर ने उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया लेकिन आशा बहू द्वारा फिनिक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर से फोन पर बात करने के पश्चात दोबारा लखनऊ ना ले जाकर फिनिक्स हॉस्पिटल लाकर एडमिट कर दिया गया पीड़ित के अनुसार डॉक्टर ने कहा कि ऑपरेशन मेरे यहां हुआ है केस मेरा है तो मैं ही इसे ठीक करूंगा जिसके बाद हम हॉस्पिटल अपनी पत्नी को लेकर आ गए और मेरी पत्नी को एडमिट कर लिया गया परंतु 2 दिन तक रखने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ बल्कि ₹90000 मुझसे हॉस्पिटल द्वारा ऐंठ लिए गए और गंभीर हालत में लखनऊ के लिए रिफर कर दिया गया और मुझसे कहा कि अपने मरीज को लेकर आप जाइए मेरे बस की बात नहीं है कहीं भी आप ले जाकर इसका इलाज करा सकते हो लेकिन मेरी पत्नी डॉक्टरों की घोर लापरवाही के कारण दुनिया छोड़कर चली गई।

वही पीड़ित पति का कहना है कि जिस तरह से मैंने अपनी पत्नी डाक्टरों और निजी नर्सिंग होम की लापरवाही के कारण खो दिया है मेरे बच्चे यतीम हो गए हैं मैं जान और माल दोनों गवां कर भी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन द्वारा कार्रवाई ना होने के कारण ठगा महसूस कर रहा हूं कि क्या भारत में न्याय और कानून व्यवस्था इतनी लचर है कि गरीब को न्याय मिलना तो दूर आज तक ना जांच हुई और ना ही कोई कार्यवाही । वही पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई है

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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