सुषमा स्वरूप इंटरनेशनल स्कूल में कुल 402 छात्र- छात्राओं में 387 ने दी नीट की परीक्षा
चित्रकूट: पुष्पराज कश्यप
चित्रकूट: हर मां बाप का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर डॉक्टर या इंजीनियर बने। छोटे शहरों के लोग भी अब अपने बच्चों को डॉक्टर बनाने के लिए न सिर्फ उन्हें महंगी महंगी कोचिंग में पढ़ा रहे हैं बल्कि उन्हें हर संभव सुविधाएं भी देने का प्रयास कर रहे हैं। छोटे शहरों के बच्चे भी अब नीट जैसे एग्जाम में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। चित्रकूट जिले के सुप्रसिद्ध सुषमा स्वरूप इंटरनेशनल स्कूल में 402 छात्रों का नीट की परीक्षा का सेंटर पड़ा था। परीक्षा के दिन इनमें से 387 बच्चों ने परीक्षा दी जबकि 15 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। नीट मेरिट पर एमबीबीएस, बीडीएस, बीएमएस, बीएचएमएस जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिले लिए जाएंगे चित्रकूट जिले में पहली बार नीट परीक्षा का सेंटर बनाया गया था।सुषमा स्वरूप इंटरनेशनल स्कूल में स्कूल के प्रबंधकों ने नीट परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए पूरे इंतजाम किए थे पीने का ठंडा पानी उपलब्ध है और किसी भी परीक्षार्थी को इधर-उधर सिर घुमाने की भी अनुमति नहीं थी।
चित्रकूट जनपद में पहली बार हुई नीट की परीक्षा
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