रायबरेली-जहां एक और योगी सरकार चाहे जो विभाग हो उस पर नियम और कानून का सख्त पालन करने के लिए अधिकारियों के बराबर निर्देश जारी करते रहते हैं लेकिन बात करी जाए रायबरेली तो शायद यहां पर मामला इसके उल्टा है क्योंकि यहां पर एक ऐसा विभाग है जो कहने को विभागों में सबसे बड़ा विभाग माना जा सकता है लेकिन उसके जो नियम है वह केवल कागजों तक ही सीमित है हम बात कर रहे हैं आबकारी विभाग की जहां पर आबकारी विभाग के जो शराब के ठेकों पर नियम होते हैं वह केवल कागजों तक ही सीमित रह गए हैं क्योंकि बात करी जाए रायबरेली जिले की किसी भी क्षेत्र की तो जहां पर जहां शराब बिक्री का आदेश केवल होता है लेकिन वहां पर लोग खुलेआम शराब पीते नजर आ रहे हैं वही बात करी जाए बियर शॉपी की तो वहां का भी वही हाल है यहां पर आदमी मंदिरा खरीदने के बाद उसी दुकान के आसपास या उसी दुकान पर ही पीने लगता है लेकिन बात करी जाए नियमों की तो शायद ये नियम सरकार को दिखाने के लिए अधिकारियों द्वारा उच्च अधिकारियों में दिखाया जाता है लेकिन सच्चाई इसके उलट फेर है हां यह बात जरूर है कि जब भी ऊपर से सख्त निर्देश आते है तो यही अधिकारी दो चार दुकानों पर जांच के नाम पर कार्यवाही का एक ढकोसला जरूर उच्च अधिकारियों को दिखाने का प्रयास करते हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले समय में भी यह कार्यवाही इसी तरह कागजों पर चलती रहेगी या इस पर अधिकारी कोई सख्त एक्शन लेता है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
क्या हैं नियम शराब पीने के
बात करी जाए जिले में बिक्री हो रही अंग्रेजी शराबों व अन्य विदेशी शराब की बिक्री की तो अगर किसी व्यक्ति को शराब पीना है तो उसके लिए सरकारी नियमानुसार आबकारी द्वारा मॉडल शॉप में पीने के नियम हैं जहां पर व्यक्ति शराब और खान पीन कर सकता है लेकिन मामला जिले में इसके उलट फेर है क्योंकि जिले मेंजहां शराब की बिक्री होती है उसी दुकान के सामने ही लोग शराब पीने लगते हैं जबकि नियम मॉडल शॉप पर लागू होते हैं लेकिन उच्च अधिकारियों के आगे यह सब नियम केवल कागजों तक ही सीमित है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट