हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 – चंबा असेंबली सीट से कांग्रेस के नीरज नायर विजयी।
हिमाचल की चंबा असेंबली सीट बीजेपी के नाक का सवाल बन गई है। भाजपा ने यहां पहले सिटिंग एमएलए का टिकट काटा, फिर इंदिरा कपूर को उम्मीदवार बनाया। अब इंदिरा का टिकट काटकर नीलम नैयर को कैंडिडेट बनाया है।
बीजेपी ने चंबा विधानसभा सीट से नीलम नैयर को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने नीरज नैयर को उम्मीदवार बनाया है। उधर आम आदमी पार्टी ने शशिकांत को मैदान में उतारा है।
वहीं बीजेपी हाइकमान के फैसले से नाराज इंदिरा कपूर ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन करके बीजेपी लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। बता दें कि बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इंदिरा कपूर को चंबा से प्रत्याशी बनाया था। लेकिन अब भाजपा ने इंदिरा का पत्ता साफ कर नीलम नैयर को उम्मीदवार बना दिया है।
गौर करें तो बीजेपी ने चंबा से अपने मौजूदा विधायक पवन नैयर का टिकट काट दिया था। साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी के पवन नैयर ने कांग्रेस के नीरज नैयर को 1879 वोटों के अंतर से हराया था।
साल 2017 में चंबा विधानसभा सीट से पवन नैयर को जीत हासिल हुई थी। पवन को 49.3 फीसदी वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस के नीरज नैयर दूसरे नंबर पर थे। नैयर को 45.9 प्रतिशत वोट मिले थे।
वहीं वर्ष 2012 के चुनाव नतीजों की बात करें तो चंबा असेंबली सीट से बीजेपी प्रत्याशी बी के चौहान को जीत मिली थी। बीजेपी के चौहान ने कांग्रेसी उम्मीदवार पवन नैयर को परास्त किया था। इस चुनाव में बीके चौहान को 1934 मतों से जीत मिली थी। चौहान को 19,714 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेसी उम्मीदवार पवन नैयर को 17,780 मत हासिल हुए थे।
चंबा असेंबली सीट पर वोटरों की बात करें तो 84,616 वोटर हैं। इनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 42,667 है। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 41,949 है।
चंबा असेंबली पर वोटरों की संख्या
कुल वोटर- 84,616
पुरुष मतदाता – 42,667
महिला मतदाता – 41,949
अब एक नजर चंबा असेंबली सीट के उम्मीदवारों के बारे में।
बीजेपी उम्मीदवार नीलम नैयर
नीलम नैयर मौजूदा MLA पवन नैयर की पत्नी
पति पवन नैयर हैं उनकी ताकत
क्षेत्र में परिवार का है राजनीतिक प्रभाव
कांग्रेस प्रत्याशी नीरज नैयर
कांग्रेस के दमदार नेता
साल 2017 के चुनाव में थे कांग्रेस प्रत्याशी
आम आदमी पार्टी कैंडिडेट शशिकांत
आप के जुझारू नेता
क्षेत्र में है उनकी सामाजिक पहचान
चंबा असेंबली सीट पर जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ओबीसी और एससी मतदाताओं के हाथ में उम्मीदवार की किस्मत रहती है। यहां ओबीसी और एससी मतदाता किसी भी प्रत्याशी को जिताने और हराने की ताकत रखते हैं।
स्थानीय मुद्दे की बात करें तो विधानसभा चुनाव में इस सीट पर स्थानीय मुद्दे ज्यादा असर दिखाने वाले नहीं हैं। मगर शहरी क्षेत्र के लोगों को राज्य गठन के बाद भी पेयजल और पार्किंग की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि यहां के लोगों को सही मात्रा में पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। जर्जर पंपिंग पेयजल योजना का पुनर्गठन नहीं हो रहा है।
कोटीकालोनी रोड पर बनाई गई पार्किंग 6 साल बाद भी शुरू नहीं हो पाई है। इन सबको लेकर लोगों में खासी नाराजगी है।