हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 – करसोग असेंबली सीट भाजपा के दीपराज जीते
हिमाचल विधानसभा चुनाव में एससी के लिए आरक्षित करसोग असेंबली सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में टक्कर है। यहां से बीजेपी के दीपराज कपूर के मुकाबले कांग्रेस के महेश राज और आप के भगवंत सिंह चुनाव मैदान में हैं।
करसोग में भाजपा प्रत्याशी दीपराज युवा नेता है। बीटेक डिग्रीधारी दीपराज सोशल वर्कर हैं। वहीं कांग्रेसी उम्मीदवार महेश राज ग्रेजुएट हैं। साथ ही वो राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। महेश के पिता मनसा राम 6 बार विधायक और कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं। वहीं आप प्रत्याशी भगवंत सिंह इस सीट से सबसे बुजुर्ग कैंडीडेट हैं।
करसोग असेंबली सीट पर साल 2017 में भारतीय जनता पार्टी के हीरा लाल ने 4,830 मतों से जीत हासिल की थी। बीजेपी के हीरालाल को 22,102 वोट मिले थे। जो कुल पड़े वोटों का 42.96 फीसदी था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के मनसा राम को 17,272 मत मिले थे। जो कुल पड़े मतों का 33.57 प्रतिशत था।
वहीं वर्ष 2012 के करसोग असेंबली सीट पर कांग्रेस के मनसा राम को 4332 वोटों से विजयश्री मिली थी। मनसा राम को 18,978 मत मिले थे, जो कुल पड़े मतों का 40.7 फीसदी था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी कैंडीडेट हीरा लाल को 14,646 वोट मे थे। जो कुल पड़े वोटों का 31.41 प्रतिशत था।
अब नज़र डालते हैं करसोग के मतदाताओं की संख्या पर…करसोग सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 76,609 है। उनमें से पुरुष वोटरों क तादाद 38,920 है। वहीं महिला मतदाताओं की संख्या 37,689 है।
करसोग विधानसभा क्षेत्र के वोटरों पर एक नजर
कुल मतदाताओं की संख्या – 76,609
पुरुष मतदाता – 38,920
महिला मतदाता – 37,689
अब करसोग सुरक्षित सीट के उम्मीदवारों की ताक़त पर नज़र डालते हैं।
करसोग सुरक्षित सीट के उम्मीदवारों की ताक़त पर नज़र
करसोग से बीजेपी प्रत्याशी दीपराज
दीपराज युवा और जुझारू नेता
सामाजिक कार्यकर्ता हैं दीपराज
दीपराज बीटेक बीटेक डिग्रीधारक
कांग्रेसी उम्मीदवार महेश राज
कांग्रेसी उम्मीदवार महेश राज ग्रेजुएट
राजनीतिक परिवार से रखते हैं ताल्लुक
महेश के पिता मनसा राम 6 बार विधायक रहे
महेश के पापा मनसा राम कैबिनेट मंत्री भी रहे
आप प्रत्याशी भगवंत सिंह
भगवंत हैं आप के जुझारू कार्यकर्ता
सबसे उम्रदराज कैंडीडेट हैं भगवंत
डबल पीजी हैं भगवंत सिंह
करसोग सीट पर पानी, सड़क और नेटवर्क की समस्या के साथ ही आवारा और जंगली पशुओं की समस्या है। यहां जंगली सुअरों के आतंक से किसान परेशान हैं। ये सुअर रात के अंधरे में किसानों की खड़ी फसल को तबाह कर देते हैं। यहां आईटीआई भवन का निर्माण नहीं हो पाने से लोगों में गुस्सा है। यहां नगर पंचायत है, मगर कूड़े के ढेर आबाद रहते हैं। इससे लोग ख़ासे नाराज हैं।