हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 – शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस को मिली फतेह

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हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 - शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट

हिमाचल असेंबली चुनाव में शिमला ग्रामीण सीट पर कांग्रेस के विक्रमादित्य को जीत मिली है। इसी कड़ी में शिमला जिले की शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेसी कैंडीडेट और मौजूदा विधायक विक्रमादित्य सिंह समेत छह प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। यहां से बीजेपी के रवि कुमार मेहता और आम आदमी के प्रेम कुमार जोरशोर से चुनाव प्रचार में जुटे हैं।

साल 2017 में शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट से कांग्रेस के विक्रमादित्य ने भारतीय जनता पार्टी के डॉ प्रमोद शर्मा को4,880 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार विक्रमादित्य को को 28,275 मत मिले थे, जो कुल हुए मतदान का 53.28 फीसदी था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी कैंडीडेट को 23,395 वोट मिले थे। जो पोल हुए कुल मतों का 44.03 प्रतिशत था।

वर्ष 2012 में शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के वीरभद्र सिंह ने बीजेपी कैंडीडेट ईश्वर रोहाल को 20,000 वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार वीरभद्र सिंह को 28,892 मत मिले थे, जो कुल हुए मतदान का 71.28 फीसदी था। वहीं दूसरे नंबर पर रहे कैंडीडेट को 8,892 वोट मिले थे। जो पोल हुए कुल मतों का 21.94 प्रतिशत था।

अब एक नज़र शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट के प्रत्याशियों की मज़बूती पर..

शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट के प्रत्याशियों की मज़बूती

 

बीजेपी कैंडीडेट रवि कुमार मेहता

बीजेपी का नया चेहरा हैं रवि कुमार

एबीवीपी के रास्ते से बनाई पहचान

बीजेपी संगठन में रवि की मज़बूत पकड़

 

कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह

पूर्व सीएम स्व. वीरभद्र के बेटे हैं विक्रमादित्य

दूसरी बार लड़ रहे हैं एमएलए का चुनाव

विरासत में मिला है राजनीति का हुनर

जनता में ख़ासे लोकप्रिय हैं विक्रमादित्य

 

आप उम्मीदवार प्रेम कुमार

सोशल वर्कर हैं प्रेम कुमार

संघर्षशील और जुझारू आप कार्यकर्ता

अब बात करते हैं शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट के मतदाताओं की … यहां पर कुल वोटरों की संख्या 78,294है। जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 40,027 है। वहीं महिला वोटरों की तादाद 38,267 है।

 

विधानसभा सीट पर कुल मतदाता

कुल वोटर –78,294

पुरुष मतदाता –40,027

महिला मतदाता –38,267

स्थानीय मुद्दों की बात करें तो यहां पर भी सड़क, परिवहन, पेयजल, स्वास्थ्य और शिक्षा की समस्या ही चुनावी मुद्दा है। यहां भी राजपूत मतदाता जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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