जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य को 24 कैरेट गद्दार बताया

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जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 24 कैरेट गद्दार और देशद्रोही कहा

जयराम रमेश ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को 24 कैरेट गद्दार और देशद्रोही कहा उन्होंने यह भी कहाकि कपिल सिब्बल की कांग्रेस में वापसी हो सकती है, लेकिन सिंधिया और हेमंत बिस्व सरमा की वापसी नहीं हो सकती। जयराम रमेश राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में हैं। 

जयराम रमेश ने न्यूज एजेंसी PTI से बातचीत में ये बातें कहीं। उनसे सवाल किया गया- क्या कोई बागी नेता जो पार्टी छोड़कर जा चुका है, उसे दोबारा कांग्रेस में शामिल किया जाएगा? इस पर रमेश ने कहा- मुझे लगता है कि जो लोग कांग्रेस छोड़ चुके हैं, उन्हें पार्टी में वापस नहीं लाया जाना चाहिए।

जयराम रमेश राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ इन दिनों मध्य प्रदेश में हैं। आगर में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला।

रमेश ने आगे कहा- कपिल सिब्बल जैसे नेताओं की ज़रूर पार्टी में वापसी हो सकती है। सिब्बल ने पार्टी छोड़ने के बाद कभी भी पार्टी या कांग्रेस लीडरशीप के बारे में कभी काेई गलत बात नहीं कही। इससे उलट ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के CM हेमंत बिस्व सरमा ने पार्टी और हमारी लीडरशिप के लिए गलत बातें कहीं। ऐसे नेता 24 कैरेट गद्दार और देशद्रोही हैं। इन्हें कांग्रेस दोबारा कभी स्वीकार नहीं करेगी।

यह पूछे जाने पर कि क्या सिंधिया कांग्रेस छोड़ देते अगर उन्हें पार्टी अध्यक्ष, मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री या राज्यसभा भेजा जाता? रमेश ने कहा- सिंधिया एक ‘गद्दार’ (देशद्रोही) हैं, सच्चे गद्दार, असली गद्दार और 24 कैरेट का गद्दार।

जयराम रमेश ने एक दिन पहले भी सिंधिया पर जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा- सिंधिया कांग्रेस इसलिए छोड़कर गए, क्योंकि वो कैबिनेट मंत्री बनना चाहते थे और 27 नंबर बंगले में रहना चाहते थे। बाकी सब बहाने थे।

यह 27 नंबर वही बंगला जो तीन दशक पहले उनके पिता माधवराव सिंधिया को आवंटित हुआ था, तब ज्योतिरादित्य सिंधिया 13 साल के थे। सिंधिया का बचपन यहीं पर गुजरा। यह दिल्ली के 27 सफदरजंग रोड पर स्थित है। ज्योतिरादित्य को बंगला गुना से लोकसभा चुनाव हारने के बाद छोड़ना पड़ा, लेकिन कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्हें यह दोबारा मिल गया।

रमेश के बयान पर भाजपा ने भी पलटवार किया है। मध्यप्रदेश भाजपा के सचिव रजनीश अग्रवाल ने कहा- सिंधिया मजबूत सांस्कृतिक जड़ों वाले 24 कैरेट देशभक्त हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और असम के CM सरमा दोनों अपने काम के लिए 24 कैरेट प्रतिबद्ध हैं। रमेश की टिप्पणी पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।

2014 में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद असम के कद्दावर नेता हेमंत बिस्व सरमा 2015 में पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद वे केंद्रीय मंत्री और फिलहाल असम के मुख्यमंत्री भी हैं। 

जबकि सिंधिया ने 2020 में कांग्रेस छोड़ी थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई। बाद में उन्हें मोदी कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया। वहीं मध्यप्रदेश में उनके समर्थक विधायकों की बदौलत बीजेपी ने सत्ता में वापसी की।

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